
बेमौसम बारिश से सरसों, गेहूं, जौ पर की फसलों पर मार
बेमौसम बारिश से सरसों, गेहूं, जौ पर की फसलों पर मार
पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से लगातार तीन दिन से बारिश का दौर चलने से फसलों को नुकसान हुआ है। रविवार सुबह अचानक से घना कोहरा छा गया। मौसम में फिर से गलन बढ़ गई है। शनिवार देर रात व रविवार सुबह रुक-रुक कर तेज बारिश से सडक़ों पर पानी बह निकला।
बेमौसम बारिश किसानों के लिए आफत बनकर बरसी है। बारिश के चलते गेहूं, जौ की फसल खेतों में बिछ गई। वहीं सरसों की फसल को भी इससे नुकसान पहुंचा है। बेमौसम बारिश ने अन्नदाता के आंसू निकाल दिए हैं।
मावठ से प्रथम दृष्टया फसलों में 20 प्रतिशत नुकसान कृषि विभाग मान रहा है। लेकिन नुकसान इससे कहीं ज्यादा है। बारिश के साथ चली हवाओं ने खेतों में गेहूं, जौ, सरसों की फसल को बिछा दिया है। ऐसे में पैदावार में कमी आएगी और दाना हल्का रह सकता है।
फसल गिरने से कटाई की कॉस्ट भी बढ़ेगी। वहीं सरसों जहां कट गई वहां पानी भरने के कारण वह अंकुरित हो सकती है। ऐसे में तीनों ही फसलों में खासा नुकसान है। बारिश ने जहां किसानों को रुला दिया। वहीं जगह.जगह जलभराव से आवागमन में भी परेशानी हुई।
संयुक्त एवं उपनिदेशक ने किया फसलों का निरीक्षण
फसलों के नुकसान का जायजा लेने के लिए कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक वीरेन्द्र सिंह सोलंकी एवं उपनिदेशक कृषि एवं पदेन परियोजना निदेशक आत्मा दिनेश कुमार बैरवा ने उनियारा क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया।
संयुक्त निदेशक वीरेन्द्र सिंह सोलंकी ने बताया कि बेमौसम हुई बारिश से हुए नुकसान की भरपाई के लिए जिन किसानों ने फसलों का बीमा करा रखा है वे 72 घन्टे में बीमा कम्पनी को सूचना दे दें। तभी फसल बीमा का क्लेम मिल सकेगा। इसके लिए टोल फ्री नम्बर 18001024088 जारी किए गए हैं।
इन गांवों का किया दौरा
बरसात से ज्यादातर उनियारा क्षेत्र में नुकसान की आशंका है। ऐसे में कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक वीरेन्द्र सिंह सोलंकी ने उनियारा क्षेत्र के ककोड़, ढिकोलिया, सूंथड़ा, उखलाना, खेलनिया, चतरपुरा, पलाई, बोसरिया आदि गांवों का दौरा कर बेमौसम बारिश से हुए नुकसान का जायजा लिया।
यह हुई है जिले में बुवाई
गौरतलब है कि जिले में इस साल 3 लाख 89 हजार 750 हैक्टेयर में बुवाई हुई है। इसमें गेहूं 14350, जौ 2490, चना 77640, दलहन 925, सरसों 265270, तारामीरा 180, अलसी 60, जीरा 325, सब्जियां 2240 समेत अन्य फसल शामिल है।
Published on:
03 Mar 2024 07:39 pm
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