read more: बदलेगा जिले को भूगोल, देवली में शामिल होगी भीलवाड़ा की पंचायतें ऐसे में मोक्षधाम जाने वालों को पानी से होकर गुजरना पड़ता हैं। शनिवार को काशीपुरा के बागरियों की ढ़ाणी में एक महिला केसरी (6 5) की मौत हो गई थी। जिसके अंतिम संस्कार को लेकर लोगों को घुटनों तक पानी में से होकर श्मशान जाना पड़ा।
ऐसे में पानी से होकर गुजरने के दौरान अर्थी के साथ-साथ बुजुर्ग तथा बच्चों के पानी में फिसल कर गिरने का डर बना रहा, साथ ही हादसे की संभावना बनी रही। मृतक के परिजनों को जान में जान जब आई तब अर्थी लेकर जंह तंह श्मशान घाट पहुंच गए और अंत्येष्टि के बाद घरों को सकुशल लौट गए।
read more:कान्हा के जन्मदिन पर सुहागनगरी हुई पानी—पानी, देखिए तस्वीरें इस संबंध में बागरिया ढाणी के केदार ने बताया कि यह समस्या उनके ढ़ाणी के लोगों के समक्ष 2 वर्ष पहले सिंचाई विभाग के द्वारा उनके शमशान के रास्ते बनाए गए एनीकट के चलते पैदा हुई है। हालांकि एनीकट निर्माण के समय उन्होंने एनीकट निर्माण का उस समय विरोध किया था, लेकिन उनकी अनसुनी कर दिए जाने से यह समस्या पहली बार एनीकट के भर जाने से पैदा हुई है।
read more:बजरी से भरे ट्रैक्टर की टक्कर से श्रीजी के दर्शन कर लौट रहे बाइक सवार पत्नी की मौत, पति घायल गत वर्ष बारिश नहीं होने से यह समस्या नहीं थी और उनकी ढाणी में किसी के 5 वर्ष बाद मौत हुई है। जिसकी वजह से वह पहली बार रूबरू हुए हैं। काशीपुरा गांव में होकर शमशान तक पहुंचने की दूरी 5 किलोमीटर के करीब होने से एनीकट के रास्ते होकर ही सीधा रास्ता है।
उनकी यह समस्या उनकी ढाणी से श्मशान स्थल तक ग्रेवल अथवा सीसी सडक़ बनाए जाने पर हल सकती है। इसके लिए ढाणी के लोगों ने ग्राम पंचायत प्रशासन को अवगत कराया। सरपंच सचिव ने उन्हें जल्द से जल्द ही यह समस्या हल करने को कहा था। लेकिन इस बीच उनकी ढाणी में एक वृद्ध महिला की शनिवार को मौत हो जाने से यह समस्या आड़े आई है।
read more:MP में 13 घंटे लगातार झमाझम बारिश, मौसम विभाग ने फिर जारी किया भारी बारिश का अलर्ट! ग्रामीण पोखर, बन्नालाल, उम्मेद, भंवरलाल ने बताया कि उनकी ढाणी 50 से अधिक परिवार रहते हैं लेकिन चुनाव के समय तो उनके पास चुनाव में खड़े होने वाले प्रत्याशी पहुंचते हैं और विकास का दावा करते हैं। लेकिन चुनाव जीतने के बाद कोई नहीं आता है। उनकी ढाणी तक तक गांव से कच्चा ग्रेवल सडक़ मार्ग बना हुआ है।
जिसमें काली मिट्टी होने से बारिश के दिनों में उनको रोजमर्रा के सामान लाने में भी काफी परेशानी होती है। ऐसे हाल में वे हमेशा भगवान से यही प्रार्थना करते हैं कम से कम उनके यहां किसी की बारिश की समय मौत ना हो नहीं तो उन्हें इस समस्या का सामना करना पड़ेगा।
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