
बघेरे ने डाला खेतों में डेरा, किसानों में दहशत, सरसों की कटाई हुई बाधित
निवाई. भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष रमेशचंद्र जाट के नेतृत्व में किसानों ने गांव किवाडा में दस दिन से लगातार आबादी क्षेत्र के पास खेतों में स्वछंद होकर घूम रहे बघेरे को पकडऩे की मांग को लेकर टोंक उप वन संरक्षक श्रवण कुमार आर. को ज्ञापन सौंपा है।
ज्ञापन से अवगत कराया कि करीब दस दिन से बघेरा निवाई वन रेंज के गांव किवाडा में आबादी क्षेत्र के समीप खेतों में घूमता हुआ दिखाई दे रहा है।
जिससे खेतों में काम करने के वाले किसान भयभीत है। तथा खेतों बघेरा दिखने से वर्तमान में रबी की फसल की कटाई प्रवाहित हो रही है। किसानों के समक्ष जान माल का खतरा बना हुआ है। खेतों में काम करने पर आए दिन बघेरा दिखाई देता है तथा फसलों की कटाई पूरी तरह बाधित हो गई। किवाडा के जंगलों में दो दिन पूर्व एक चरवाहे के सामने से बघेरा आया गया उसने खेजडी के पेड़ चढकऱ अपनी जान बचाई। बघेरा उसकी एक बकरी को उठाकर ले गया तथा थोडी दूर पर शिकार कर मार दिया।
जिससे किवाडा के ग्रामीणों में भय व्याप्त है। किसानों को उप वन संरक्षक ने यह भी अवगत कराया कि किवाडा में बघेरे के लगातार मूमेंट के बारे वन कार्मिकों और अधिकारियों को सूचित करने के बाद दस दिन में बघेरे के पदचिन्ह देखकर पंचनामा बनाकर केवल औपचारिकता की है। बघेरे के आंतक से किसानों की खेतों में सरसों की कटाई बाधित हुई है।
किसान अपनी सुरक्षा स्वयं के तरीकों से कर रहे है और मजबूरन खेतों में जाने को विवश होना पड़ रहा है। क्योंकि की किसानों की साल भर की आय रबी की फसल से मिलती है। ज्ञापन से चेतावनी देते हुए उप वन संरक्षक को अवगत कराया कि अगर किसी किसान को जान माल का कोई नुकसान होता है तो उसकी समस्त जिम्मेदारी वन विभाग की होगी।
ग्रामीणों ने दी चेतावनी
वन विभाग द्वारा बघेरे को पकडऩे के लिए अविलंब कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई तो भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में किसान उप वन संरक्षक कार्यालय के बाहर धरना- प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि पिछले तीन वर्षों से किवाडा के समीपवर्ती गांव नोहटा, बस्सी, बारेडा, खिडग़ी, सिरस, कांटोली, बहड, रहड़ सहित आदि गांवों में बघेरों द्धारा आए दिन पशुओं और जंगली जानवरों का शिकार कर रहे है।
जिससे ग्रामीण बहुत परेशान है लेकिन उनकी समस्या जस की तस बनी हुई है। ज्ञापन देने वालों में किसान रामप्रसाद जाट, हनुमान जाट, छीतरलाल जाट, केदार जाट, रामसहाय जाट, गिरधारी स्वामी, बजरंगलाल स्वामी, शिवजीलाल जाट, रामराय जाट सहित कई किसान शामिल थे।
Published on:
14 Feb 2022 08:35 am
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