
झिलाय रोड पर निर्माणाधीन रेलवे ओवरब्रिज। फोटो: पत्रिका
टोंक/निवाई। रेलवे ओवरब्रिज निर्माण को लेकर प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए अधिग्रहित भूमि से तत्काल कब्जा हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी है। उपखंड अधिकारी प्रीति मीणा की ओर से ऐसे सभी हितधारकों को बेदखली के नोटिस जारी कर दिए गए हैं, जिन्होंने मुआवजा प्राप्त कर लेने के बावजूद अब तक भूमि खाली नहीं की है। इसके अलावा जिन्हें बार-बार अवसर दिए जाने के बाद भी मुआवजा नहीं लिया गया है।
एसडीओ प्रीति मीणा ने बताया कि भूमि अर्जन, पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम, 2013 के तहत सार्वजनिक निर्माण विभाग खंड निवाई द्वारा रेलवे ओवरब्रिज के लिए भूमि का विधिवत अधिग्रहण किया जा चुका है। इसका उद्देश्य परियोजना के कार्य को बिना किसी बाधा के समय पर पूरा करना है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन हितधारकों को मुआवजा राशि का भुगतान हो चुका है, वे तत्काल प्रभाव से भूमि खाली करें। वहीं जिन्हें सक्षम अधिकारी द्वारा अंतिम से अंतिम नोटिस जारी किए जाने के बावजूद मुआवजा प्राप्त नहीं किया, वे भी 16 दिसंबर तक अनिवार्य रूप से अधिग्रहित भूमि से अपना कब्जा हटा लें।
प्रशासन ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि तय समय-सीमा के बाद किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं बरती जाएगी। यदि 16 दिसंबर तक भूमि खाली नहीं की गई, तो 17 दिसंबर से प्रशासन द्वारा पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचकर बेदखली की कार्रवाई की जाएगी और अधिग्रहित भूमि को बलपूर्वक अपने कब्जे में लिया जाएगा।
एसडीओ प्रीति मीणा ने कहा कि रेलवे ओवरब्रिज परियोजना जनहित से जुड़ी है और इससे क्षेत्र की यातायात व्यवस्था में बड़ा सुधार होगा। उन्होंने आम नागरिकों से अपील की कि वे स्वेच्छा से कब्जा हटाकर कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें। प्रशासन का यह कदम ओवरब्रिज निर्माण की दिशा में निर्णायक माना जा रहा है।
Published on:
11 Dec 2025 02:57 pm
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