
टोंक जिले से अलग हुआ टोडारायसिंह उपखण्ड, नए जिले केकड़ी में हुआ शामिल
टोडारायसिंह . राज्य की मंत्रिमण्डलीय बैठक में नवगठित जिलों के सीमांकन की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने के साथ ही टोंक जिले से अलग टोडारायसिंह हो गया हैं। वहीं पुनर्गठन के बाद अब अस्तित्व में आए नवगठित केकड़ी जिले में शामिल हो गया है।
राजस्व विभाग के सूत्रों अनुसार टोडारायसिंह का नगरपालिका क्षेत्र व उसके अधीन आने वाली 20 ग्राम पंचायतें केकड़ी जिले में तथा शेष 11 ग्राम पंचायतें टोंक जिले में शामिल होना प्रस्तावित है। नए जिलों के सीमांकन की अधिसूचना राजस्व विभाग की ओर से जारी होने के बाद प्रस्तावित केकड़ी जिलें में शामिल टोडारायसिंह उपखण्ड के विखण्डित होने की संभावना बढ़ गई है। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने नए जिलों के गठन में नवगठित केकड़ी जिले में केकड़ी, सावर, भिनाय, सरवाड़ उपखण्ड के साथ टोडारायसिंह को शामिल किया
गया है।
विधानसभा परिसीमन के बाद विखण्डन संभावित
अस्सी के दशक में अस्तित्व में आए टोडारायसिंह विधानसभा का डेढ़ दशक पहले विधानसभा परिसीमन में विखण्डन हुआ। जिसका राजनीतिक पृष्ठिभूमि पर असर हुआ। जिसमें टोडारायसिंह उपखण्ड को विखण्डित कर टोडारायसिंह नगरपालिका क्षेत्र व 20 ग्राम पंचायतों को मालपुरा विधानसभा क्षेत्र में शामिल करने के साथ 11 ग्राम पंचायतों को टोंक विधानसभा में शामिल किया गया।
ये पंचायतें केकड़ी में प्रस्तावित
टोडारायसिंह नगरपालिका क्षेत्र के अलावा ग्राम पंचायत ग्राम पंचायात कुहाड़ाबुजुर्ग, उनियाराखुर्द, संवारिया, दतोब, मांदोलाई, पंवालिया, मेहरू, मुण्डियाकलां, भांवता, मोर, रीण्डल्यारामपुरा, कूकड़, लक्ष्मीपुरा-धाकड़ान, दाबड़दुम्बा, भासू, थड़ोली, बस्सी, बासेड़ा, कंवरावास, बोटूंदा कुल 20 ग्राम पंचायते है। जिनकी आबादी करीब एक लाख 15 हजार है।
ये टोंक में यथावत रहेंगी
इसके अलावा अलियारी, हमीरपुर, इंदोकिया, लाम्बाकला, बावड़ी, गोपालपुरा, बरवास, गणेती, खरेड़ा, मोरभाटियान, छाणबास सूर्या पंचायते टोंक में शामिल है। जिनकी आबादी करीब 45 हजार है।
जिला मुख्यालय से दूरी घटी तो कहीं बढ़़ी
नए प्रस्तावित जिलों के गठन बीच टोंक जिले में मालपुरा व देवली में भले ही क्षेत्रवासियों ने विरोध किया, लेकिन टोडारायसिंह शहर ग्रामीण क्षेत्र में विरोध नहीं किया गया। नतीजा यदि पूरे टोडारायसिंह उपखण्ड को केकड़ी जिले में शामिल किया जाता है तो केकड़ी सीमा से जुड़े कुहाड़ाबुजुर्ग व दाबड़दुम्बा पंचायत की दूरी भले ही घट जाएगी। लेकिन टोंक की सीमा से जुड़े बरवास व छाणबाससूर्या पंचायत की दूरी जिला मुख्यालय से चौगुनी हो जाएगी।
टोडारायसिंह की संस्कृति ढ़ूढ़ाड़, अब अजमेरू संस्कृति से जुड़ेगी: टोडारायसिंह के केकड़ी जिले में शामिल होने के साथ राजनीतिक व ऐतिहासिक धरोहरों में भिन्नता देखने को मिलेगी। पूर्व में टोंक जिले में शामिल टोडारायसिंह की संस्कृति ढ़ूढ़ाड़ क्षेत्र से जुड़ी हुई थी। अब ढ़ूढ़ाणी संस्कृति को अजमेरू संस्कृति में जोड़ा गया है।
Published on:
05 Aug 2023 09:39 am
बड़ी खबरें
View Allटोंक
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
