सभी लोगों को महाभारत के बारे में सब पता हाेगा। युधिष्ठिर, अर्जुन, भीम, नकुल, सहदेव आैर कौरवों का धर्म युद्घ भला कौन भूल सकता है। भगवान श्रीकृष्ण का गीता का उपदेश आज भी लोगों को राह दिखाता है। मामा शकुनि और भांजे दुर्योधन ने मिलकर पांडवों को खत्म करने के लिए हर चाल चली, लेकिन कौरवों की हर शह पर पांडवों की मात भारी पड़ी। पांच हजार साल पुराने इस शह और मात के खेल का गवाह आज भी बागपत जिले में मौजूद हैं, जिसे लाक्षागृह के नाम से जाना जाता है। पौराणिक ग्रंथों इसका नाम वाणावृत मिलता है।