
उदयपुर . जिला न्यायालय परिसर में शनिवार को सम्पन्न राष्ट्रीय लोक अदालत में 13 सौ प्रकरणों को निस्तारण करते हुए 12 करोड़ के अवार्ड जारी किए गए। बरसों पुराने कई प्रकरणों का निस्तारण होने पर कई लोग के चेहरे खुशी से खिले तो कई लोगों ने कानूनी पचड़ों से निपटारा होने पर राहत की सांस ली।
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर उदयपुर न्यायक्षेत्र के न्यायालयों में लोक अदालत का आयोजन हुआ। जिला एवं सत्र न्यायाधीश देवेन्द्र कच्छवाह ने जिले के सभी न्यायिक, प्रशासनिक, बैंक एवं वरिष्ठ अधिवक्ताओं के साथ बैठक कर ज्यादा से ज्यादा प्रकरणों को राष्ट्रीय लोक अदालत में रखवाने के निर्देश दिया था।
अदालत में लंबित प्रकरणो के अलावा प्री-लिटिगेशन स्टेज पर ऋण व अन्य प्रकरणो का भी हाथों हाथ निस्तारण किया गया। पारिवारिक न्यायालय के पीठासीन अधिकारी संजय कुमार व मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार नागौरी ने पक्षकारो को समझाकर राजीनामें के माध्यम मुकदमों को निस्तारण करवाया। सीजेएम नागौरी ने बताया कि लोक अदालत के माध्यम से प्रकरण का निस्तारण होने पर सिविल मामलों में न्यायालय फीस वापस लौटाई जाती है तथा पक्षकार शीघ्र न्याय प्राप्त कर मुकदमेबाजी के तनाव से मुक्त होते है। पक्षकार लंबित प्रकरणों को आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत में रखवाने के लिए संबंधित न्यायालय से निवेदन कर सकते है।
कुल लेखा जोखा
कुल प्रकरण रखे 11 हजार194
निस्तारित हुए 813
अवार्ड राशि 11 करोड़
प्री-लिटिगेशन के प्रकरण रखे 7187
निस्तारित हुए 489
अवार्ड राशि 1.55 करोड़
दो भाइयों के 9 प्रकरणों को निस्तारण
दो भाइयों के बीच वर्ष 2011 से चल रहे 9 प्रकरणों का निस्तारण करते हुए एडीजे-1 पूर्णिमा गौड 2 घंटे तक दोनों पक्षकारों को समझाइश कर लोक अदालत के भावना से निपटारा करवाया।
प्री-लिटिगेशन लोक अदालत के तहत बैंक व फाइनेंस कंपनियों ने बैंक लोन एवं अन्य बकाया भुगतान को चुकाकर मामलों का निस्तारण करवाया।
Published on:
10 Dec 2017 12:54 pm
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