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उदयपुर

आदर्श क्रेडिट सोसायटी केस : उदयपुर के कई बिल्डर व उद्यमियों की सम्पत्तियां अटैच

– इडी ने जारी किए अटैच के आदेश, करोड़ों-अरबों की हैै सम्पत्तियां, उद्यमियों की उड़ी नींद

उदयपुरNov 15, 2019 / 11:45 am

madhulika singh

rajasthan news

Adarsh Credit Cooperative Society Scam : राजस्थान के बाद अब गुजरात और एमपी में भी हुए मामले उजागर

उदयपुर. आदर्श क्रेडिट सोसायटी के विरुद्ध जयपुर एसओजी व गुडग़ांव जिला न्यायालय में भी दर्ज मामलों के बाद प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने सोसायटी से जुड़े कई सेठियों की सम्पत्तियों को अटैच करने के आदेश जारी कर दिए। इस अटैचमेंट में उदयपुर के कई नामचीन बड़े बिल्डर्स की भी करोड़ों-अरबों की सम्पत्तियां को अटैचकर उनकी नींद उड़ गई और व्यवसाय पूरी तरह से ठप हो गया। गिरफ्तारी से बचने के लिए उदयपुर के एक उद्यमी ने गुडग़ांव में अग्रिम जमानत याचिका भी पेश की थी, जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया। अन्य आरोपियों के खिलाफ जमानती व गिरफ्तारी वारंट निकले होने से वे इधर-उधर भागते फिर रहे हैं।
इडी के अधिकारियों के अनुसार आदर्श सोसायटी से जुड़े राज्य के कई उद्यमियों के अलावा उदयपुर मेें भी 12-13 नामचीन बिल्डर, उद्यमी की सम्पत्ति को अटैच किया गया है। इनमें रिद्धि सिद्धि इन्फ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड व रिद्धि सिद्धि इन्फ्राटेक लिमिटेड की उदयपुर व चित्तौडगढ़़ स्थित प्रोपर्टी को अटैच किया गया है। इसके अलावा रिगल प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड, रीगल प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड, रीगल प्रमोटर्स बिल्ड स्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, विनायक बिल्ड क्रिएशन प्राइवेट लिमिटेड , राधा किशन डवलपर्स के अलावा कई नामचीन उद्यमियों की सम्पत्तियां इडी के दायरे में है। इन उद्यमियों में से कइयों के यहां पहले आयकर विभाग ने कार्रवाई करते हुए उनकी सम्पत्तियों का खुलासा किया था। एसओजी जयपुर में सोसायटी के विरुद्ध मामला दर्ज होने पर जांच में कई उद्यमी सोसायटी के डायरेक्टर के पदों पर मिले। इसकी सूचना मिलते ही इडी ने आयकर विभाग से सभी उद्यमियों के ब्योरे का संकलन कर सभी को प्रोपर्टी के दस्तावेज सहित जयपुर तलब किया था। जयपुर में बयानों के बाद इडी ने जिन डायरेक्टर के सम्पत्तियां सोसायटी के दायरे में आ रही थी उस सब का अटैच करते हुए संबंधित को आदेश की प्रतियां भिजवा दी।

किसी भी उद्यमी ने नहीं चुकाया पैसा

इडी के अधिकारियों का कहना है कि आदर्श क्रेडिट सोसायटी ने लोगों को अधिक ब्याज व अन्य स्कीम का झांसा देकर उनके पैसों को आरडी, एफडी की तथा अलग-अलग में निवेश करवाया। सोसायटी के अधीन ही अलग-अलग नाम से देशभर में कई कंपनियां खोल ली। कंपनियों में कइयों को डायरेक्टर बना दिया। नियम विरुद्ध डायरेक्टरों को सोसायटी के संचालकों ने लोगों के निवेश की जीवनभर की गाढ़ी कमाई का ऋण दे दिया। यह ऋण की राशि करोड़ों अरबों में थी, जिसे कंपनी के निदेशकों ने न तो वापस की और न ही उसका ब्याज चुकाया। ऋण लेने वालों में उदयपुर के भी 13 बड़े उद्यमी शामिल थे।

राजस्थान में कई उद्यमियों की सम्पत्त
जयपुर एसओजी के अलावा गुडग़ांव एसएफआईओ में देशभर के कई लोग आरोपी है। एसओसी में दर्ज रिपोर्ट के बाद इडी ने राजस्थान के जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा, सिरोही, पाली, आबूरोड के उद्यमियों की सम्पत्तियां अटैच की। इन उद्यमियों ने राजस्थान के अलावा अन्य जगह भी निवेश किया।
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