
चंदनसिंह देवड़ा/उदयपुर.किसानों के लिए नील गाय(रोजड़े) और बंदर फसलों को चौपट करने वाले सबसे घातक दुश्मन है। इनकी दिन रात रखवाली करते हुए किसान अब तक हजारों रुपए के पटाखे ही फोड़ देता है। सर्द रातों में किसान पूरी रात जागकर पटाखे चलाकर इन्हे भगाता रहता है। इसी परेशानी को देखकर देबारी सुथारवाड़ा निवासी इंद्रलाल सुथार ने जुगाड़ से धमाका बंदूक बनाई है जिसमें बिना पटाखा, गोली, बारुद के कार्बेट डालकर तेज धमाका किया जाता है। इससे पटाखे की आवाज से भी तेज गूंज होती है जिससे नील गाय और बंदर समेत फसल को नुकसान पहुंचाने वाले पक्षी को कोई नुकसान तो नहीं पहुंचता लेकिन वह डरकर खेत से दूर भाग खड़े होते है।
महज 50 रूपए का खर्च 100 से ज्यादा धमाके
किसान अब तक एक पटाखा चलाने के लिए 10 रुपए का सुतली बम जलाता आ रहा है ऐसे में उसे अगर रोजाना 10 बार भी पटाखे चलाने पड़ते तो महिने में 300 सुतली बम चाहिए जिसकी कीमत करीब ढाई से 3 हजार रुपए होती है। ऐसे में ट्रेक्टर के साइलेंसर से बनाई गई इस जुगाड़ की धमाका बंदूक में दो मक्के के दाने जितना कार्बेट की डली डालकर नाल में कागज का डाट ठूंस दिया जाता है। इधर हत्थे के पास की नली से 5 मिलीलीटर पानी डालने पर गैस बननी शुरु होती है। फिर उसमें गैस लाइटर डालकर जैसे ही बटन दबाते है चिंगारी से जोरदार धमाका हो जाता है। 50 रुपए के कार्बेट में 100 से ज्यादा पटाखे छोड़ सकते है। इस तरह का जुगड़ा देख कई किसान अब जानवारों को भगाने के लिए इसे बनवा रहे है।
अब चमकीली रील, सीडी, बोतलों का डर नहीं...
नील गाय के झुण्ड खेत में घुस जाते तो खाते कम बिगाड़ा ज्यादा करते है। अब तक किसान इनसे परेशान होकर अपनी मेहनत की फसल को बचाने के लिए गई जुगत करता आ रहा है। इसमें खेतों में बिजुका खड़ा करना, खेत के चारों और पुराने कैसेट की रिल लपेटकर और चमकीली सीडी लटकाकर नील गायों को डराने की कोशिश की जाती है। कहीं कहीं पर खाली बोतलों को हवा में ऐसे पैण्डूलम की तरह लटकाया जाता है ताकि वह बजती रहे तो रोजड़े भाग जाए लेकिन इतना करने के बाद भी अब इन पर असर नहीं होता। कुछ किसान करंट के वायर छोड़ देते लेकिन यह खतरनाक कदम होता है। खेत में रोशनी करने ओर ड्रेगन लाइट डालने पर पहले रोजड़े भाग जाते थे लेकिन अब यह रोशनी में ही नुकसान कर चले जाते है। परेशान किसान टोपीदार बंदूक से बारुद के धमाके भी करते लेकिन यह सभी के पास बंदूक नहीं होती। ऐसे में कार्बेट से धमाके से ही इनको भगाना संभव हो रहा है।
Updated on:
09 Dec 2019 09:05 pm
Published on:
09 Dec 2019 08:58 pm
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