16 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

नवजात बच्ची के इलाज में कोताही का मामला : सुरक्षा के लिए जुटे चिकित्सक, परिजनों ने मांगा इंसाफ

प्रशासन ने दिया कार्रवाई का आश्वासन, नवजात के परिजनों ने आयुक्त को बताई वेदना

2 min read
Google source verification
doctors protest udaipur

उदयपुर . मधुवन स्थित राहत हॉस्पिटल में नवजात बच्ची की बिगड़ी हालत पर परिजनों की ओर से हुई तोडफ़ोड़ का लेकर गहराया विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। आक्रोशित चिकित्सक संगठनों ने एकजुटता दिखाते हुए मंगलवार को आरएनटी मेडिकल कॉलेज से कलक्ट्रेट तक रैली निकाली। इनके प्रतिनिधियों ने अतिरिक्त जिला कलक्टर, कलक्टर एवं आईजी से मुलाकात कर तोडफ़ोड़ में लिप्त आरोपितों को तत्काल गिरफ्तार करने एवं प्रदेश में चिकित्सकों की सुरक्षा को लेकर 2008 में लागू कानून की पालना की मांग दोहराई।

कलक्टर और आईजी ने कार्रवाई का आश्वासन दिया। दूसरी ओर बच्ची के उपचार में चिकित्सकीय लापरवाही का आरोप लगाते हुए पीडि़त परिवार के साथ युवा नेता सुखदेव डांगी, दुर्गेश डांगी, कमलेश सांवरिया, महीपाल सिंह देवड़ा, विकास गुर्जर, अभय मेवाड़ा, विवि छात्रसंघ अध्यक्ष भवानीशंकर बोरीवाल ने संभागीय आयुक्त भवानीसिंह देथा को ज्ञापन देकर हॉस्पिटल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। हाथीपोल थाने में दोनों पक्षों की ओर से प्राथमिकी के बाद आक्रोशित परिजनों के जाम और प्रदर्शन के बाद चिकित्सक संगठनों ने एकजुटता दिखाते हुए प्रदर्शन किया। चिकित्सक दोपहर 2.30 बजे आरएनटी मेडिकल कॉलेज परिसर में उपस्थिति हुए। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन अध्यक्ष डॉ. सुनील चुघ, महासचिव डॉ. आनंद गुप्ता, राजस्थान मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन अध्यक्ष डॉ. लाखन पोसवाल, महासचिव डॉ. राहुल जैन, अरिस्दा के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. एसएल बामनिया, रेजिडेंट यूनियन अध्यक्ष डॉ. राजवीरसिंह, महासचिव डॉ. दीपाराम पटेल, एमबीबीएस छात्र यूनियन अध्यक्ष डॉ. जयपाल चौधरी सहित अन्य संगठनों के पदाधिकारियों ने चिकित्सकों को संबोधित किया। बाद में रैली के रूप में कलक्ट्रेट पहुंचे, जहां उन्होंने आरोपितों की गिरफ्तारी में पुलिस और प्रशासन के स्तर ढिलाई पर आक्रोश जताते हुए कार्रवाई में तत्परता दिखाने की मांग की।

READ MORE: video: उदयपुर में बन रहा ऐसा पार्क जहां होगा घना जंगल और मिलेंगे विशालकाय डायनासोर..

एडीएम से खरी-खरी

चिकित्सक संगठनों के प्रतिनिधियों ने कार्रवाई में देरी को लेकर एडीएम सुभाषचंद्र शर्मा के समक्ष नाराजगी जताई। ये तब और उखड़ गए, जब एडीएम ने कहा कि जांच रिपोर्ट के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। उनका कहना था कि हमलावरों ने महिला चिकित्सक से मारपीट की है। यह घटना अधिकारियों के परिवार के साथ भी हो सकती है। एडीएम ने ज्ञापन लेने के बाद कार्यालय से निकलते हुए चिकित्सकों को कलक्टर से मिलने की सलाह दी। इधर, वीडियो कॉन्फ्रेंस में बैठे कलक्टर ने चिकित्सकों से उनकी पीड़ा सुनी।

फिर जताया असंतोष

प्रशासनिक अधिकारियों से मिलकर लौटे संगठन के पदाधिकारियों ने आरएनटी कॉलेज परिसर में फिर सभा की। उन्होंने मीडिया के समक्ष असंतोष जताया। डॉ. आनंद गुप्ता ने कहा कि यह लड़ाई चिकित्सकीय पेशे की सुरक्षा को लेकर है। इस दौरान हाथीपोल थाने में परिवार की ओर से दर्ज एफआईआर को अदालत में चुनौती देने पर रणनीति तय की गई।

मौत से जूझती नवजात जिंदगी

इधर, राहत चिकित्सालय से एमबी हॉस्पिटल की बाल चिकित्सा इकाई के आईसीयू वार्ड में शिफ्ट की गई नवजात बच्ची जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है। नर्सिंग स्टाफ ने उसकी पल्स जीरो बताकर एक बार परिजनों की चिंता बढ़ा दी, लेकिन बाद में उसकी सांसें चलने की बात भी स्वीकार की। विशेषज्ञ यह तर्क देने में लगे है कि 750 ग्राम की बच्ची का बचना बड़ी चुनौती है।