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700 लोगों से 3100-3100 रुपए लिए… रातभर सड़क पर बिठाया, फिर यात्रा पर ले जाने से किया इनकार

हिरणमगरी क्षेत्र में एक ट्रस्ट की ओर से तीर्थयात्रा के नाम पर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। पैसे जमा करवाने के बाद यात्रा पर जाने के लिए पहुंचे तीर्थयात्रियों के लिए बसों की व्यवस्था नहीं की गई।

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उदयपुर . हिरणमगरी क्षेत्र में एक ट्रस्ट की ओर से तीर्थयात्रा के नाम पर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। पैसे जमा करवाने के बाद यात्रा पर जाने के लिए पहुंचे तीर्थयात्रियों के लिए बसों की व्यवस्था नहीं की गई। इस मामले में ट्रस्ट के मंदिर से लेकर थाने तक हंगामा चलता रहा। शनिवार रात से रविवार दोपहर तक लोग यात्रा की उम्मीद में सड़क पर बैठे रहे।


मामला सेक्टर-6 स्थित साईंबाबा मंदिर ट्रस्ट से जुड़ा है। ट्रस्ट के तीर्थयात्रा के आह्वान पर उदयपुर संभाग से करीब 700 लोगों ने यात्रा के लिए पंजीकरण कराया था। प्रत्येक व्यक्ति से 3100 रुपए लिए गए थे। इस तरह ट्रस्ट ने यात्रियों से करीब 40 लाख रुपए जमा कर लिए थे। वहीं 10 जून की रात यात्रा पर ले जाना तय किया गया। तय समय पर लोग मंदिर पहुंचे, लेकिन यात्रा शुरू नहीं की गई। पता चला कि महज 4 बसों की व्यवस्था की गई थी, जबकि करीब 12 बसों का बंदोबस्त करना था ।

ऐसे बनाई यात्रा की योजना
साईं मंदिरम् संस्था की ओर से मां वैष्णो देवी धाम यात्रा के लिए पम्पलेट छपवाकर आवेदन मांगे गए थे। पूर्व में यात्रा मई में जानी थी, जिसे 10 जून तक आगे बढ़ाया। उदयपुर से जोधपुर होते हुए बाबा रामदेव, बीकानेर में करणी माता, अमृतसर, हरिद्वार, ऋषिकेश, वाघा बॉर्डर, वैष्णोदेवी, सालासर बालाजी, मेहंदीपुर बालाजी, खाटू श्याम और पुष्कर तीर्थ के दर्शन करना बताया था।

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आक्रोशित लोग बोले......
डूंगरपुर निवासी धनंजय शाकुनी ने बताया कि पहले मात्र 3100 रुपए में 12 तीर्थ की यात्रा तय की गई थी। इसके बाद अंतिम समय में 2-2 हजार रुपए और मांगे गए। ट्रस्ट की गतिविधियां 'धोखाधड़ी की हैं। कार्रवाई हो।

शिव कॉलोनी प्रतापनगर निवासी जयपाल सिंह देवड़ा ने कहा कि संभाग के सात सौ लोगों का पैसा लेकर संचालक भाग रहे हैं। छह माह पहले से बुकिंग कर रहे थे। लगभग 40 लाख की धोखाधड़ी की गई है।

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