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उदयपुर के एमबी हॉस्पिटल में ऑपरेशन के बाद मासूम का फटा पेट, बाहर निकली आंतें, बिलखते हुए परिजन चिकित्सकों के आगे-पीछे दौड़ते रहे

locationउदयपुरPublished: Feb 07, 2018 07:46:24 am

Submitted by:

Jyoti Jain

-ऑपरेशन के दूसरे दिन पट्टी खोली तो सभी चौंके, देर रात बच्चे का पुन: हुआ ऑपरेशन
 

Case of Maharana Bhopal Hospital IN Udaipur
उदयपुर . राजकीय बाल चिकित्सालय में चिकित्सकों की घोर लापरवाही के चलते एक मासूम की ऑपरेशन के बाद पेट पर लगाए टांके टूटने से आंते बाहर निकल आई। इससे पूर्व पाचन क्रिया में दिक्कत होने पर सोमवार शाम को इस मासूम का आपात ऑपरेशन किया गया था। मंगलवार शाम को परिजनों ने उसकी पट्टी हटाई तो वे बाहर निकली आंते देख चौंक गए।
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वे उसे बचाने के लिए घंटों चिकित्सकों के आगे-पीछे दौड़ते रहे। देर रात सर्जन के आने पर बच्चे का पुन: ऑपरेशन किया गया। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान मासूम के परिजनों की हालत खराब हो गई, वहीं बरसों के बाद भरी कोख के पुन: सूनी होने के भय मां की हालत बिगड़ गई। भीलवाड़ा निवासी पूजा पत्नी हिमांशु दाधीच के दो माह के मासूम दक्ष को तीन दिन पूर्व ही चिकित्सालय में भर्ती किया गया।
हिमांशु ने बताया कि अजमेर में आईवीएफ के बाद उसकी पत्नी ने २८ नवम्बर को उदयपुर के निजी चिकित्सालय में जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। दोनों ही बच्चे सतमासी होकर काफी कमजोर थे। तीन दिन में ही निजी चिकित्सालय में डेढ़ लाख का बिल होने पर वे बच्चों को एमबी हॉस्पिटल के बाल चिकित्सालय ले आए। चिकित्सकों से पूरी बातचीत की थी, उनकी स्वीकृति के बाद ही एम्बुलेंस से लेकर जब वहां पहुंचे तो चिकित्सकों ने हाथ खड़े कर दिए। आधे घंटे तक वे एम्बुलेंस में लेकर बैठे रहे।
बाद में उन्होंने दोनों को भर्ती किया। डॉ. विवेक अरोड़ा की देखरेख में इलाज चला। एक बच्चे की वजन काफी कम होने से १६ जनवरी को मौत हो गई। दूसरे बच्चे को चिकित्सकों ने वार्ड में शिफ्ट कर लिया। कुछ दिन उपचार के बाद चिकित्सकों ने उसे छुट्टी दे दी।
बिगड़ी हालत तो वापस लाए
परिजनों ने बताया कि बच्चा दूध पीने के बाद उल्टियां कर रहा था। उसे लेकर उदयपुर पहुंचे तो चिकित्सक ने दवाई देकर रवाना कर दिया। भीलवाड़ा में हालत खराब होते ही वहां चिकित्सक को दिखाया। सोनोग्राफी में बच्चे के पाचन क्रिया में दिक्कत आने पर वे वापस उदयपुर लाए। यहां पर डॉ. अरोड़ा के कहने पर डॉ. डी.डी. शर्मा ने सोमवार को उसका ऑपरेशन किया लेकिन बच्चे की हालत में किसी तरह को कोई सुधार नहीं हुआ। मंगलवार शाम को बच्चे की पट्टी निकाली तो उसकी आंतें बाहर निकली हुई मिली।
ऑपरेशन शिशु शल्य चिकित्सक डॉ.डी.डी शर्मा ने किया था। बच्चे का अमाशय से आगे का रास्ता बंद था। ऑपरेशन के बाद उसके टांके खुल गए थे। अभी इमरजेंसी ऑपरेशन किया गया है। इसमें चिकित्सक की लापरवाही तो नहीं कह सकते हैं। बच्चे की मांसपेशियां व चमड़ी नाजुक होती है। कई बार टांके झेल नहीं पाती है। धागा पतला होने से वे कई बार चमड़ी चीर देता है।
-डॉ.लाखन पोसवाल, कार्यवाहक विभागाध्यक्ष बाल चिकित्सालय

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