
NEET-JEE : 50 lakhs collected from students for preparing
पहले केवल साइंस व मैथ्स के स्टूडेंट्स ही दसवीं उत्तीर्ण होने के साथ ही आगे के प्रोफेशनल कोर्सेज की पढ़ाई 11वीं के साथ शुरू कर देते थे, लेकिन बीते एक वर्ष से दसवीं उत्तीर्ण स्टूडेंट्स, जो कॉमर्स की पढ़ाई कर रहे हैं, वे अब सीए-सीएस व अन्य प्रोफेशनल कोर्सेज की तैयारी शुरू करने लगे हैं। इसे इंटीग्रेटेड कोर्स कहा जाता है। हालांकि कुछ स्टूडेंट्स कुछ वर्ष से ये तैयारी करते थे, लेकिन वे गिने-चुने थे, ऐसे विद्यार्थियों की संख्या में खासा इजाफा हुआ है।
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पहले करीब पांच प्रतिशत संख्या थीसीए राहुल बडाला ने बताया कि यदि 11 वीं में 100 स्टूडेंटस कॉमर्स ले रहे थे, तो इस पर केवल पांच प्रतिशत स्टूडेंटस ही इंटीग्रेटेड कोर्स का हिस्सा बनते थे, लेकिन अब इनकी संख्या 30 से 35 प्रतिशत हो चुकी है। इंटीग्रेटेड कोर्स में स्टूडेंट्स को 11 वीं 12 वीं की पढ़ाई भी बेहतर करने को मिल जाती है, क्योंकि उसका 90 प्रतिशत हिस्सा इसी सलेबस से जुड़ा हुआ है।
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एक वर्ष में ये आया बदलाव-
- पहले 12 वीं के बाद स्टूडेट्स को छह माह तैयारी के मिलते थे, लेकिन गत वर्ष से जून में सीए-सीएस की परीक्षाएं होने के कारण स्टूडेंट्स को केवल दो माह बाद ही इन परीक्षाओं को देना होता है, ऐसे में वह बगैर तैयारी के इसमें हिस्सा नहीं ले पाते थे। आईसीएआई की ओर से हुए बदलाव से इंटीग्रेटेड कोर्स के लिए स्टूडेंट्स तेजी से आगे बढ़ने लगे हैं। मार्च में बारहवीं की परीक्षा व जून में सीए-सीएस की परीक्षाएं देनी होती थी। यह बदलाव गत वर्ष आया है।- कई बार अभिभावक आशंकित रहते हैं कि बच्चे का 12 वीं का परिणाम प्रभावित तो नहीं होगा लेकिन इस प्रोफेशनल कोर्स की तैयारी का लाभ 11 वीं व 12 वीं में मिलता है। मुम्बई में इसे जूनियर कॉलेज के नाम से जाना जाता है।
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सीए में जो नया सलेबस है, इसे देखते हुए ये तैयारी बेहतर है। 11 वीं से बेस तैयार होगा तो स्टूडेंट्स को लाभ मिलेगा। अब कॉसर्म में हर जगह मांग बढ़ चुकी है, करीब 25 हजार सीए प्रतिवर्ष पास हो रहे हैं, उनकी मांग इससे कहीं ज्यादा है, इसलिए स्टूडेंटस का कॅरियर भी अच्छा बनेगा।
सीए अभिषेक संचेती, चेयरमैन, आईसीएआई उदयपुर ब्रांच
Published on:
14 Apr 2023 10:19 am
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