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Rajasthan: पहाड़ों का सीना चीरकर भू-माफिया ने बिछा दी ‘मौत की सड़क’, पत्रिका की पड़ताल में सामने आए चौंकाने वाले तथ्य

Rajasthan illegal mining: उदयपुर-नाथद्वारा मार्ग की पहाड़ियों में प्रशासनिक उदासीनता और भूमाफिया के गठजोड़ ने प्रकृति और जनसुरक्षा दोनों को खतरे में डाल दिया है।

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परचीरवा घाटे से आगे सरे और सरेखुर्द गांव में पहाड़ों को बुलडोजर से छलनी कर दिया। फोटो: पत्रिका

उदयपुर। उदयपुर-नाथद्वारा मार्ग की पहाड़ियों में प्रशासनिक उदासीनता और भूमाफिया के गठजोड़ ने प्रकृति और जनसुरक्षा दोनों को खतरे में डाल दिया है। बिना स्वीकृति के बने सीमेंट और डामर के सर्पिलाकार रास्ते न केवल सरकारी जमीन को निगल रहे हैं, बल्कि सैलानियों को मौत के मुहाने तक ले जा रहे हैं। तालाबों के केचमेंट एरिया को रोककर जलस्रोतों का भविष्य भी संकट में डाल दिया गया है।

न्यायालय के आदेश, राजस्थान सरकार की हिल पॉलिसी और पहाड़ी, झील संरक्षण के नियम सब कुछ कागजों तक सिमट कर रह गया है। चीरवा घाटे से आगे सरे और सरेखुर्द गांव में पहाड़ों को बुलडोजर से छलनी कर दिया गया। यहां मनमर्जी से सरकारी जमीन पर सीमेंट और डामर के रास्ते निकाल दिए गए। ये सर्पिलाकार अवैध रास्ते इतने दुर्गम और जोखिमभरे हैं कि एक बार वाहन नीचे उतर जाए तो जान पर बन आती है। हैरानी की बात यह है कि यही अवैध रास्ते गूगल मैप पर दर्ज हैं और बाहरी सैलानी इन्हीं रास्तों से रिसोर्ट और विला तक पहुंच रहे हैं।

स्वीकृति किसने दी, जवाब किसी के पास नहीं

राजस्थान पत्रिका टीम ने जब इन पहाड़ियाें पर चल रहे निर्माण और अवैध रास्तों की जानकारी जुटाई तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। पता चला कि अधिकांश रास्ते खुद भूमाफियाओं ने मनमर्जी से निकाल लिए। निर्माण स्वीकृतियों के सवाल पर अधिकांश जिम्मेदार अधिकारियों ने चुप्पी साध ली। बड़गांव क्षेत्र में कुछ समय के लिए तैनात रहे तत्कालीन अधिकारियों ने आनन-फानन में स्वीकृतियां जारी कर दी, जबकि कई निर्माण पंचायत स्तर से अवैध तरीके से पास करवाए गए।

तालाब का व्यू दिखाया, पानी का रास्ता रोक दिया

भूमाफियाओं ने सरे और सरेखुर्द गांव में विला निर्माण के साथ-साथ नई-नई प्लानिंग काट दी है। ये प्लॉट हाईवे से 300 से 400 फीट ऊंचाई पर हैं, जहां से एकलिंगजी का बाघेला तालाब और आसपास के जलस्रोत दिखाई देते हैं। इसी व्यू के लालच में पहाड़ियाें पर बेतरतीब खुदाई कर दी गई। रास्तों और कटिंग के दौरान कई स्थानों पर तालाबों के केचमेंट एरिया को ही रोक दिया गया।

इनका कहना है

यूडीए की पेराफेरी में यह गांव भी शामिल हुए हैं। शीघ्र ही यहां निरीक्षण कर निर्माण स्वीकृतियां व सरकारी जमीन पर बने रास्तों को देखा जाएगा। मामले में नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
-राहुल जैन, आयुक्त, उदयपुर विकास प्राधिकरण