
कोटड़ा. एक ओर पति-पत्नी के प्रेम का प्रतीक पर्व करवा चौथ मनाया जाएगा और दूसरी ओर कोटड़़ा़ के इस दंपती ने करवाचौथ से महज दो दिन पूर्व अपनी बेटी अपने ही झगड़़ा़ो़ंं के कारण खो दी। दंपती के बीच रिश्ता बिगडऩे की कीमत चार महीने की मासूम को जान देकर चुकानी पड़ी। पिता बच्ची को लेकर पुलिस के पास पहुंचा ताकि कहीं उसकी समझाइश से ही पत्नी लौट आए। इस सब में इतनी देरी हो गई और बच्ची भूख से तड़पते हुए दुनिया को अलविदा कह गई। मामला मांडवा थाना क्षेत्र की बिकरणी पंचायत में क्यारा गांव का है, जहां 10 दिन पहले भैरिया पुत्र हगरमा बुंबरिया से अनबन के बाद उसकी पत्नी घर छोड़ गई। दंपती के चार महीने की बेटी चंपा है। नाता तोडऩे के फैसले पर दोनों पक्षों के रिश्तेदारों और पंचों ने मुहर लगाई, जिसके बाद दूधमुंही चम्पा की जिम्मेदारी भैरिया पर आ गई।
वह बच्ची के लिए मां के दूध की जरूरत पूरी नहीं कर पाया। मासूम को कुम्हलाते देख उसने पत्नी को बुलवाना तय किया, लेकिन सामाजिक रूप से अलग हो जाने के कारण बेबस हो गया। मदद की आस मेंचार दिन पहले भैरिया ने मांडवा थाने में रिपोर्ट देकर चम्पा की मां को वापस घर लाने की फरियाद लगाई, लेकिन पुलिस भी कुछ नहीं कर पाई। हालात भांपकर भैरिया बच्ची को लेकर शुक्रवार को कोटड़ा न्यायालय पहुंचा, लेकिन तब तक बच्ची के शरीर में हलचल खत्म हो चुकी थी। वह आनन-फानन में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचा, जहां चिकित्सक ने जांच कर बच्ची को मृत घोषित कर दिया। बच्ची की मौत से भैरिया टूट सा गया, लेकिन अगले ही पल शव लेकर पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) कार्यालय जा पहुंचा। डीएसपी सुमित शर्मा को शव दिखाते हुए पत्नी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। डीएसपी ने रिपोर्ट ली और कार्रवाई का भरोसा दिलाकर दाह संस्कार के लिए भैरिया को लौटाया।
हमारे यहां पहुंचने से पहले बच्ची की मौत हो चुकी थी। भैरिया के हाथ में रिपोर्ट व अस्पताल की पर्ची थी।
सुमित शर्मा, डीएसपी, कोटडा
हमारे यहां ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं आई है। मैंने बिकरणी चौकी पर भी पता करवा लिया। इस प्रकार की कोई रिपोर्ट या मामला मांडवा थाने में दर्ज नहीं हुआ।
माणकलाल, थाना इंचार्ज, मांडवा
Published on:
07 Oct 2017 05:50 pm
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