
AI जेनरेटेड स्टूडेंट की तस्वीर
राजेंद्र सिंह देणोक
किशोरावस्था से वयस्कता की तरफ कदम बढ़ाने वाले नवमीं से बारहवीं तक के विद्यार्थियों को शिक्षा विभाग पढ़ाई के साथ-साथ दुनियादारी सिखाने की तैयारी कर रहा है। तेजी से बदलती दुनिया की चुनौतियों से निपटने और जीवन के व्यावहारिक पहलुओं में भी विद्यार्थियों को पारंगत किया जाएगा। इसके लिए प्रबल नाम से कार्यक्रम इसी सत्र से शुरू होगा, जिसमें प्रदेश के 18 हजार 798 राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों को शामिल किया है। विभाग का मानना है कि विद्यार्थियों को पाठ्य पुस्तकीय ज्ञान और वास्तविक जीवन के बीच के अंतर को समझाना आवश्यक है, ताकि वे अपने जीवन के फैसले सोच-समझ कर ले सकें।
स्व जागरूकता, सम्प्रेषण, अंतवैयक्तिक सम्बन्ध, टीम वर्क, समालोचनात्मक चिंतन, समस्या समाधान, रचनात्मक चिंतन, जुझारूपन, नेतृत्व कौशल, नागरिकता कौशल, नैतिक मूल्य।
वित्तीय साक्षरता, डिजिटल साक्षरता
जलवायु परिवर्तन इत्यादि।
जुलाई व अगस्त: शिक्षक हैंडबुक के अनुसार जीवन कौशल और 21वीं सदी के कौशल आधारित सत्रों का आयोजन करेंगे। इसमें विद्यार्थी गतिविधियों की तैयारी करेंगे।
सितम्बर: विद्यार्थियों की ओर से विभिन्न गतिविधियां होगी। माह के पहले सप्ताह तक मूल्यांकन चयन समिति व गार्गी मंच के सदस्यों की ओर से प्रस्तुतियों की समीक्षा कर ब्लॉक स्तर के लिए प्रतिनिधि का चयन। अंतिम सप्ताह में चयनितों के साथ गतिविधियों का आयोजन।
अक्टूबर: पहले सप्ताह ब्लॉक स्तर की गतिविधियों की समीक्षा कर चयनितों को जिला स्तर पर भेजना होगा। तृतीय सप्ताह में जिला स्तरीय चयनितों की गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। अंतिम सप्ताह में गतिविधियों के आधार पर राज्य स्तर के लिए चयन करना।
नवम्बर: मेंटर शिक्षक चयनित विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करेंगे। राजस्थान युवा सभा, 21वीं सदी के कौशल का निर्माण विषय पर मॉक विधानसभा में प्रस्तुति देंगे।
Published on:
09 Jun 2025 11:23 am
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