शुक्रवार सुबह 6.35 पर ब्रह्मवेला में मंदिर पर ध्वजा चढ़ाई गई जो भगवान एकलिंगनाथ के निज मंदिर से प्रारंभ होकर सामने स्थित बप्पा रावल की प्रतिमा को छूती हुई शीर्ष कलश को लपेटती हुई शहरपनाह को पार करती हुई मंदिर के पीछे पहाड़ी तक पहुंची। ध्वजा समारोह के बाद दोपहर में भोजन प्रसादी का आयोजन हुआ। इससे पूर्व चैत्र अमावस्या पर गुरुवार को रात्रि जागरण हुआ जिसमें समाज के महिला-पुरुषों ने हिस्सा लिया, वही मंदिर के पास स्थित सराय में भजन संध्या हुई। इस दौरान पीपा क्षत्रिय ध्वजा समारोह एवं सम्मेलन समिति के चुनाव हुए। मंदिर परिसर में परम्परागत पंचायत हुई जहां ध्वजा की विधिवत पूजन-अर्चना एवं सामाजिक कार्य हुए। इस दौरान मंदिर परिसर में समाज के लोग मौजूद थे।