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शिक्षा की जांच पर पड़ा मोटा ‘पर्दा’, 2 सालों से नहीं हो पाई है जांचाेें पर कार्रवाई

प्रारंभिक से लेकर माध्यमिक शिक्षा विभाग तक 300 जांचें लम्बित , दो-दो सालों तक अधिकारी लेकर बैठे हैं विभिन्न जांच

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उदयपुर . शिक्षा विभाग में प्रारंभिक से लेकर माध्यमिक तक कर्मचारियों के खिलाफ चल रही जांचों के ढेर पर अधिकारी कुण्डली मार कर बैठे हैं। विभिन्न मामलों में अधिकारियों ने खुद को जांच अधिकारी तो लगा दिए, लेकिन गत दो साल की 300 जांचों पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है, जबकि सरकार इसे लेकर कागजी सख्ती दिखा रही है। उच्चाधिकारियों से जांच को लेकर आने वाले परिपत्रों को केवल फाइलों को केवल पुलिंदों में बांधा जा रहा है, जांचों की फाइलें दबाने और पर्दा ढाकने में जुटे अधिकारी नहीं चाहते कि इन प्रकरणों पर कोई निर्णय हो।


विभिन्न जांच में आरोप साबित होने पर अधिकारी या कर्मचारी पर राजस्थान असैनिक सेवाएं वर्गीकरण, नियंत्रण व अपील नियम-1958 के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाती है। यदि कोई सेवानिवृत्त होने वाला है, तो कुछ दिन पूर्व भी प्रकरण स्पष्ट होने पर सीसीए नियम 16-17 के तहत ज्ञापन जारी किए जाते है, जिससे उसे पेंशन का लाभ नहीं मिलता। सरकार ने हाल में सभी जिलों को पत्र जारी कर चेताया है कि कई बार कई सालों तक जांच नहीं होने के कारण समय पर प्रकरण निस्तारित नहीं होते हैं।

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जांच आती हैं तो आगे कैसे दें
प्रारंभिक शिक्षा में 70 और माध्यमिक में 230 के करीब प्रकरण दो वर्षों से लम्बित है। जांच अधिकारी प्रतिवेदन संबंधित प्रभारियों को समय पर नहीं देते हैं, निदेशालय तक जांच समय पर नहीं जाती और सरकार को राजस्व का नुकसान भी होता है।

ये गलतियां छोड़ते हैं जांच अधिकारी
- उत्तरदायी अधिकारी व कर्मचारी को जांच में अपना पक्ष रखने का अवसर नहीं दिया जाता। पक्ष प्रकट करता भी है तो आरोपित की ओर से बताए तथ्यों पर जांच अधिकारी गहनता से अध्ययन एवं विश्लेषण नहीं करते।
- प्राथमिक जांच नियमानुसार तीन माह में पूरी करने के नियम है, जबकि अधिकारी इसे लेकर गंभीर नहीं।
- कई बार प्राथमिक जांच निदेशालय को देने के बाद भी वह जांच रिपोर्ट पूर्ण नहीं होती। जांच अधिकारी का दायित्व होता है कि वह आरोपी कार्मिक के विरूद्ध आरोप विवरण प्रपत्र व अभिलेख जांच रिपोर्ट प्रेषित करे, लेकिन प्रकरण अनावश्यक लौटाफेरी की भेंट चढ़ता है।

जल्द करवाएंगे निस्तारण
मुझे जानकारी नहीं है कि इतनी संख्या में जांच लम्बित है, कल ही प्रकरण दिखवा कर जल्द निस्तारित करवाएंगे, ताकि नियमानुसार कार्य पूर्ण हो सके।
नरेश डांगी, जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक और प्रारंभिक)