
ऐतिहासिक तालाबों का अस्तित्व संकट में
सराडा. (उदयपुर). प्रशासन की उदासीनता से पुराने समय के बने ऐतिहासिक तालाबों का अस्तित्व संकट में है। मामला सराडा पंचायत समिति के नाल अलंकार खोड़ी महूडी ग्राम पंचायत के प्राचीन तालाब का है। राजा-महाराजाओं के समय का बना ऐतिहासिक तालाब अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। खैरकी तालाब के नाम से प्रसिद्ध यह तालाब 2 ग्राम पंचायतों के लोगों की प्यास के साथ-साथ कृषि कार्य के रूप में काम आता है। तालाब की भराव क्षमता करीब 50 से 55 फीट के करीब है, तालाब की स्थिति जर्जर अवस्था में है। लंबी चौड़ी पाल जगह जगह से गिर चुकी है, लपट में पानी सीपेज होता है, जिसके चलते कुछ दिनों में लबालब तालाब खाली हो जाता है। इस तालाब के भरोसे खेरकी, मेघात फ ला, महुडी सहित कई गांव खेती आदि करते हैं।तालाब लबालब होने से क्षेत्र के कुओं में जलस्तर अच्छा बना रहता है, जिससे लोगों को पेयजल की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता। परंतु पानी का ठहराव नहीं होने की स्थिति में समस्या होती है। बार-बार अधिकारियों को जानकारी देने के बावजूद भी इस तालाब को नजर अंदाज किया जा रहा है। ग्राम सरपंच वर्षा देवी मीणा
ने बताया कि ग्राम पंचायत के पास तालाब की पाल के
मरम्त को लेकर इतना बजट नहीं होता है जिसके चलते हम यह काम करवा सकें ।
Published on:
13 Jul 2021 07:37 pm
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