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Lakshyaraj Singh: लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ का रीति-रिवाज से हुआ गद्दी दस्तूर, सामने आया पहला बयान, देखें VIDEO

Lakshyaraj Singh Mewar: लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कुलगुरु समेत सभी संत-महात्माओं का आशीर्वाद लिया और धूणी दर्शन किए। अश्व पूजन की परम्परा का भी निर्वहन किया गया।

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Lakshyaraj Singh

पत्रिका फोटो

मेवाड़ रियासत के पूर्व सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़ के निधन के 17 दिन बाद बुधवार को उनके पुत्र लक्ष्यराज सिंह का गद्दी दस्तूर सिटी पैलेस में रीति-रिवाज के साथ हुआ। कुलगुरु वागीश कुमार ने मंत्रोच्चार और पूजा-अर्चना के बाद लक्ष्यराज सिंह को गद्दी पर बिठाने की रस्म निभाई। इसके बाद लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कुलगुरु समेत सभी संत-महात्माओं का आशीर्वाद लिया और धूणी दर्शन किए। अश्व पूजन की परम्परा का भी निर्वहन किया गया।

'मेरे लिए सौभाग्य की बात'

उन्होंने कहा कि मेरे लिए बड़े सौभाग्य की बात है कि गुरुदेव ने यहां आकर परंपरा का निर्वाह किया। मैं उनको वंदन करता हूं। मुझे योग्य समझा। मैं उम्मीद करता हूं कि आपके मन और दिल में मेरे प्रति जो सोच है, उस पर मैं खरा उतरुंगा। उन्होंने आगे कहा कि इस सम्मान को निभाने में उन्हें जनता का भरपूर सहयोग और प्यार मिल रहा है, जिससे उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। पूर्व में भी उनके पूर्वजों ने इस परंपरा को निभाया था और वह भी उन्हीं के पदचिन्हों पर चलते हुए इसे निभाएंगे।

लक्ष्यराज को सबसे श्रेष्ठ की उपाधि

इस दौरान मेवाड़ के कुलगुरु डॉ. वागीश गोस्वामी ने कहा कि ये खुशी की बात है कि उदयपुर की भक्ति और शक्ति की भूमि पर 77वें श्रीजी मेवाड़ का गद्दी तिलक हुआ। इस दौरान कुलगुरु ने लक्ष्यराज को सबसे श्रेष्ठ की उपाधि दी। शाम को लक्ष्यराजसिंह ने भगवान एकलिंगनाथजी मंदिर में पूजा कर दर्शन किए। भगवान जगदीश मंदिर में दर्शन लाभ लिया। इसके बाद शोक भंग की रस्म निभाई और पगड़ी का रंग बदला गया।

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इससे पहले सिटी पैलेस परिसर में सुबह 9:30 बजे हवन-पूजन शुरू हुआ। ओडिशा के डिप्टी सीएम और लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ के ससुर कनकवर्धन सिंह सहित अतिथि और गणमान्य कार्यक्रम में शरीक हुए। आपको बता दें कि पूर्व राजपरिवार के सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़ का निधन 16 मार्च को हो गया था। जहां उन्हें विदा करने के लिए समूचे मेवाड़ के लोगों की भागीदारी रही थी। वहीं, बीते 15 दिनों के दरमियान देशभर से लोग सिटी पैलेस पहुंचे और शोक जताया।

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