पुलिस का कहना है कि भंवरसिंह शक्तावत के दो बेटे प्रहलाद सिंह व फतहसिंह हैं, जो कॉलोनी में ही सपरिवार किराए पर रहते है जबकि पिता के मकान में पांच कमरे हैं। एक कमरे में ट्रांसपोर्ट कार्यालय चलता है। एक कमरे में तीन छात्र रहते हैं, वहीं एक अन्य में भंवर सिंह चक्की लगा रखी है। दो कमरे में पति-पत्नी रहे हैं। सुबह प्रहलाद सिंह व उसकी मां विष्णु कुंवर के बीच मकान को किराए पर देने की बात को लेकर झगड़ा हुआ था। तब भंवरसिंह गाड़ी लेकर बाहर गया हुआ था। झगड़े के बाद दोपहर को मां अपने एक अन्य बेटे के यहां चली गई। पुलिस का मानना है कि संभवत: शाम को जब मकान में कोई नहीं था, उस समय प्रहलादसिंह उसमें घुसा और गैस सिलेंडर की नली निकाल दी। हालांकि पुलिस ने इसका खुलासा नहीं किया लेकिन इनकार भी नहीं किया। घटना के बाद से प्रहलादसिंह गायब है। पुलिस ने बताया कि मकान 20 से 25 साल पुराना है।
एक कमरे में रहकर अध्ययनरत सोनू व राहुल पाटीदार, राजपाल सिंह सोनगर ने बताया कि अभी उनकी परीक्षा चल रही है। संयोगवश शाम का समय उनके सोने का होता है, रात में उठकर वे पढ़ाई करते है। वे घटना के समय करीब में ही किसी काम के लिए गए थे। भगवान का शुक्र है कि इससे उनकी जान बच गई।
तीन घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन
घटना के बाद एडीएम सिटी सुभाष शर्मा, एएसपी हर्ष रत्नू, नारायण सिंह राजपुरोहित के अलावा कई पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए। तुरंत ही पुलिस लाइन से सिविल डिफेंस व दमकलकर्मी की रेस्क्यू टीम आ गई। प्रतापनगर थानाधिकारी डॉ. हनवंतसिंह ने भी जेसीबी व पॉकलैंक मशीन मौके पर बुलाया। रेस्क्यू टीम ने तीन घंटे तक ऑपरेशन चलाते हुए मलबे में से एक सामान बाहर निकालकर बारीकी से जांच की। घटना के बाद ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा भी कार्यकर्ता के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने मौका स्थिति देख परिवार व अधिकारियों से मिले और पूरी जानकारी ली।
जेवर देखकर रो पड़ी मकान मालकिन
रेस्क्यू टीम ने मलबे में से विष्णु कुंवर के जेवर व नकदी निकाल कर उसे दी। जेवरातों में सोने की चूडिय़ां, रकड़ी, गाला, हार, झुमकियां, चांदी के सिक्के व 25 हजार रुपए शामिल थे। जेवर देखकर वह फफक पड़ी। टीम ने इनके अलावा मकान में से आटा चक्की, मोटर साइकिल व दस्तावेज भी बाहर निकाले।