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निगम को होंगे ये अधिकार
● होटल संचालक निर्धारित प्रारूप-1 में सम्पूर्ण सूचनाओं की पूर्ति कर, यात्रीकर का स्वयं निर्धारण कर यात्रीकर की राशि निगम में जमा करवाएगा। जमा यात्रीकर के सत्यापन या रेकॉर्ड से मिलान का अधिकार निगम के प्राधिकृत अधिकारी को होगा।
● यात्रीकर प्रत्येक वित्तीय वर्ष के प्रारंभ में एक अप्रेल से देय होगा तथा वार्षिक रूप से निगम कोष में जमा करवाना होगा। जिसके संबंधी रेकॉर्ड होटल संचालक द्वारा प्रमाणित होकर जमा करवा जाएगा।
● वार्षिक यात्रीकर जमा करवाने का दायित्व होटल संलाचक का होगा। निर्धारित समयावधि में जमा नहीं करवाने पर 12 प्रतिशत ब्याज की वसूली की जाएगी।
● होटल संचालक द्वारा गलतीवश यदि अधिक यात्रीकर जमा करवाया जाना पाया जाता है तो आयुक्त नगर निगम उसे आगामी वर्ष के कर में समायोजित करने या लौटाने को अधिकृत होगा।
कमरा किराया यात्रीकर की राशि
● 10 हजार या इससे अधिक किराया राशि पर 500 रुपए
● 5000 से 10 हजार के मध्य किराया पर 300 रुपए
● 3000 से 5000 के मध्य किराए पर 200 रुपए
● 3000 हजार से कम का कमरा किराए पर वाले यात्रियों का यात्रीकर नहीं लगेगा।
● यह राशि कमरा बुक होने की स्थिति में वसूल की जाएगी।
● होटल संचालक को बुकिंग का समस्त रेकॉर्ड रखना होगा।
यात्रीकर वसूली के लिए अधिकार
निगम की स्वास्थ्य शाखा से इसका रेकॉर्ड संधारित किया जाएगा तथा प्रत्येक होटल की जमा राशि का रेकॉर्ड अलग-अलग रखा जाएगा।
होटल संचालक द्वारा जमा करवाए गए स्व निर्धारण विवरणी के सत्यापन या रेकॉर्ड से मिलान करने पर यदि जमा करवाई गई राशि सही नहीं पाई जाती तो आयुक्त नगर निगम होटल संचालक को बकाया राशि जमा कराने के लिए मांग पत्र/ सूचना पत्र जारी कर सकेगा।
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नोटिफिकेशन जारी
होटल में आने वाले पर्यटकों के यात्रीकर को लेकर सरकार की ओर से गजट नोटिफिेकेशन जारी कर दिया गया है। इससे पूर्व राजस्व समिति के प्रस्ताव पर इसे प्रशासनिक समिति व बोर्ड में सर्वसम्मति से पास किया गया था।-वासुदेव मालावत, नगर निगम आयुक्त