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सरकार दे सौगात…केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा पाने का हकदार है हमारा एमएलएसयू

राज्यसभा सांसद गरासिया ने भी पुरजोर तरीके से इस मुद्दे को उठाने की कही बात

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उदयपुर. मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय को केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाने की कवायद शुरू हुई है। एमएलएसयू प्रशासन ने इसके लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। एमएलएसयू केन्द्रीय विश्वविद्यालय बनता है तो मेवाड़ के युवाओं की राह आसान होगी और शिक्षा के नए आयाम स्थापित होंगे। वीसी सुनीता मिश्रा और रजिस्ट्रार वी. सी. गर्ग के साथ गुरुवार को राज्यसभा सांसद चुन्नीलाल गरासिया ने भी इस मुद्दे पर चर्चा की। गरासिया ने आश्वस्त किया कि वे भी राज्यसभा में पुरजोर ढंग से यह मांग उठाएंगे। केन्द्र सरकार के समक्ष भी पैरवी करेंगे। राज्यसभा सांसद ने बताया कि मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय टीएसपी क्षेत्र का एक ऐसा शिक्षा का स्थल है जहां से लाखों बच्चों ने भविष्य का निर्माण किया। अब यह केंद्रीय विश्वविद्यालय बनता है तो भविष्य में युवाओं को लेकर रोजगार के क्षेत्र शिक्षा क्षेत्र में बढ़ावा मिलेगा। जनजाति क्षेत्र के युवाओं को सौगात मिलेगी।

मिल का पत्थर साबित होगा केन्द्रीय विश्वविद्यालय : वीसी मिश्रा

वीसी सुनीता मिश्रा ने बताया कि सुविवि विगत कई वर्षों से दक्षिण राजस्थान में शिक्षा का बड़ा मंदिर है। यहां हर प्रकार के कॉलेज और विभाग है। यह पात्रता रखता है। साथ ही कन्या महाविद्यालय भी यहां संचालित है। केन्द्रीय विश्वविद्यालय बनने से वित्तीय लाभ होगा। विद्यार्थियों को शिक्षा के नए अवसर मिलेंगे। एमएलएसयू को यह दर्जा दिलाने के लिए प्रयास कर रहे हैं।

यों होता है कारगर

-केंद्रीय विश्वविद्यालयों को उच्च शिक्षा मंत्रालय के अधीन रखा जाता है जो उनके वित्तपोषण और संचालन के लिए जिम्मेदार होता है।

-विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) विश्वविद्यालयों को मान्यता प्रदान करता है। उनके संचालन के लिए नियमों और विनियमों को निर्धारित करता है।

-केंद्रीय विश्वविद्यालय केंद्र सरकार से नियमित रूप से वित्तपोषण प्राप्त करते हैं। यह राज्य विश्वविद्यालयों की तुलना में अधिक होता है।

-केंद्रीय विश्वविद्यालय अनुसंधान और विकास के लिए अधिक अवसर प्रदान करते हैं। जिसमें अत्याधुनिक सुविधाएं, अनुसंधान केंद्र और उद्योग और शिक्षा जगत के साथ सहयोग शामिल हैं।

-केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एक मजबूत शैक्षणिक और अनुसंधान की संस्कृति होती है। यह छात्रों और शिक्षकों को विविध क्षेत्रों में अनुसंधान के लिए प्रेरित करती है।

-केंद्रीय विश्वविद्यालय अपने पाठ्यक्रम और अनुसंधान गतिविधियों को निर्धारित करने में अधिक स्वतंत्र होते हैं।

-केंद्रीय विश्वविद्यालय राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त होते हैं। इनमें अध्ययरत छात्रों और शिक्षकों को उच्च स्तर की शिक्षा और अनुसंधान प्रदान करने में मदद करता है।


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