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Mewar News : सरकार ने सुध नहीं ली तो किंग सेना ने पेड़ों पर कसे फंदे, मांगें नहीं मानी तो झूल जाने की चेतावनी

दूसरे दिन 2 ग्रामीण और बैठे भूख हड़ताल पर, चिकित्सा टीम ने की जांच

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If the government did not improve, then the King's army tightened the noose on the trees, if the demands were not accepted, then the warning of hanging

सरकार ने सुध नहीं ली तो किंग सेना ने पेड़ों पर कसे फंदे, मांगें नहीं मानी तो झूल जाने की चेतावनी

उदयपुर/मावली . माही बांध व मानसी नदी का पानी मेवाड़ में लाने और बागोलिया बांध को भरने की मांग को लेकर उदयपुर जिले के मावली उपखंड कार्यालय पर धरने पर बैठे अनशकारियों ने चेतावनी दी है कि उनकी मांगे नहीं मानी तो फंदे पर झूल जाएंगे। उन्होंने अनशन स्थल पर नीम के पेड़ों पर रस्सी से फंदे कस दिए हैं।
अनशन के दो दिन बाद भी प्रशासन की ओर से कोई जवाब नहीं आने पर किंग सेना मातृभूमि धर्म संघ ने मंगलवार को यह फैसला लिया। राष्ट्रीय अध्यक्ष राव गगन सिंह ने कहा कि स्थानीय प्रशासन हर तीन घंटे में अनशन स्थल की फोटो और अन्य जानकारी ले रहा है। अनशनकारियों में 75 साल के लालूराम डांगी और 68 साल के सुखराम भील भी शामिल हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक एक बार भी अनशनकारियों के स्वास्थ्य जांच नहीं की है।
सोमवार को दो और ग्रामीण हीरालाल तेली नूरडा़ और गोपाल लखारा इंटाली भी अनशन में शामिल हो गए। अब अनशनकारियों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है। मावली के पूर्व प्रधान सुशील ओस्तवाल, भाजपा डबोक मंडल अध्यक्ष कुलदीप सिंह चुंडावत, मावली व्यापार मंडल अध्यक्ष निर्मल लोढा, टैक्सी यूनियन अध्यक्ष वीर ङ्क्षसह गुर्जर, सामाजिक कार्यकर्ता रूपलाल मेनारिया, ऋतुराज सिंह उज्जेन, किशन सिंह राव ने अनशन स्थल पर आकर संगठन की मांगों का समर्थन किया।
मेवाड़ का पानी मारवाड़ को, यह अन्याय
उदयपुर शहर, मावली, भींडर, फतहनगर की पेयजल आपूर्ति के लिए मानसी वाकल योजना आज से 50 साल पहले बनी थी। इसका पहला चरण बना। दूसरा और तीसरा शून्य करते हुए अब इसके चौथे चरण का पानी पाली और सिरोही ले जाने की तैयारी है। यह उदयपुर शहर समेत मेवाड़ की जनता के साथ अन्याय है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
माही-मानसी के लिए राज्य स्तरीय समिति
माही बांध और मानसी व वाकल नदी का पानी मेवाड़-वागड़ के खेतों में लाने के लिए राज्य स्तरीय समन्वय समिति बनाई जाए। जिसकी अध्यक्ष उदयपुर संभागीय आयुक्त करें। जिला कलक्टर उदयपुर पदेन सचिव हों। किंग सेना अध्यक्ष एवं अन्य संगठन पदाधिकारी सदस्य हो। साथ ही जल संसाधन विभाग और जलदाय विभाग के मुख्य अभियंता को बतौर सदस्य शामिल किया जाए। उदयपुर संभाग के सभी जिला कलक्टरों को शामिल किया जाए।
इन गांवों के ग्रामीण पहुंचे
अनशन के दूसरे दिन पंचायत नूरडा, वीरधोलिया,बिजनवास, नऊवा, धोलीमंगरी, पलाना खुर्द, पलाना कला, वारणी, बडियार, थामला, साकरोदा, बोयणा, भीमल, इंटाली पंचायत, मेड़ता, सालेरा कला, नांदवेल, रख्यावल, गादोली के ग्रामीण पहुंचे और अपना समर्थन दिया।
मेवाड़ की जनता को सभी ने ठगा
मंच पर उपस्थित वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि दोनों प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस की स्वार्थ की राजनीति के चलते बागोलिया बांध के लिए 40 करोड़ की नहर अभी तक स्वीकृत नहीं हो पाई। जबकि हजारों करोड़ रुपये हर साल राज्य सरकारें सिंचाई मंत्रालय के लिए पारित करती हैं। मावली और मेवाड़ की जनता को दोनों ही दलों ने हमेशा ठगा है।
संगठन की दो प्रमुख मांग
उदयसागर से बागोलिया (मावली) तक नहर के लिए मौजूदा बजट सत्र में 40 करोड़ रुपए स्वीकृत किए जाएं। इस योजना पर बीते 25 साल में 3-3 डीपीआर बन चुकी है।
माही बांध करार खत्म हुए 22 साल बीते
माही बांध को लेकर राजस्थान और गुजरात में 1966 में हुए समझौते को खत्म हुए 22 साल से अधिक का समय हो गया। लेकिन मेवाड़-वागड़ के हितों को हाशिये पर डालते हुए राजस्थान की किसी भी सरकार ने कभी कोई सवाल नहीं किया।


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