- निदेशक अशोक बनर्जी की पहल - सीएसआर हेड शानू लोढ़ा ने एफडीपी प्रोग्राम को दी दिशा
आईआईएम उदयपुर के फैकल्टीज़ ने एफडीपी प्रोग्राम करवाया। शिक्षण-कार्य की प्रक्रिया का विधिवत अध्ययन शिक्षाशास्त्र पर आईआईएम उदयपुर के फैकल्टी ने स्वयंसेवा प्रदान कर पार्टिसिपेंट्स के लिए सत्र लिए।
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आईआईएमयू पहला आईआईएमआईआईएम उदयपुर की सीएसआर हेड शानू लोढ़ा ने बताया कि यह देश का पहला ऐसा आईआईएम है, जिसने एक नया डिपार्टमेंट बनाकर उदयपुर वासियों और देश के लिए समर्पित होकर स्वयंसेवा प्रदान का सोचा है । आजकल सीएसआर सिर्फ़ चेरिटी व डोनेशन तक सीमित नहीं रह गया है। सीएसआर अब संस्थान की रणनीति, नीति और प्रक्रिया का हिस्सा बन चुकी है । इसी सीएसआर के तहत आईआईएम उदयपुर ने 2 से 6 जनवरी तक एक हफ़्ते का एफडीपी कोर्स करवाया । फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का लाभ उदयपुर ही नहीं बल्कि पूरे राजस्थान के यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ने उठाया। इस प्रोग्राम में 40 पार्टिसिपेंट्स ने भाग लिया। इस अवसर पर उदयपुर की मैनेजमेंट और कॉमर्स विभाग के सभी यूनिवर्सिटी के फैकल्टी मौजूद थे। उदयपुर के सभी यूनिवर्सिटी के अध्यापक (सीनियर हो या जूनियर प्रोफेसर ) ने इस कोर्स का लाभ लिया। इसमें कई विवि ने हिस्सा लेकर लाभ लिया। अंतिम दिन सभी पार्टिसिपेंट्स को सर्टिफिकेट ऑफ़ पार्टिसिपेशन प्रदान किया गया ।
इस कोर्स को आईआईएम उदयपुर के फैकल्टीज़ ने बिना कुछ फ़ीस चार्ज कर स्वयंसेवा प्रदान की । निदेशक प्रोफेसर अशोक बनर्जी ने स्वयं कई सत्र लिए। इसके अलावा प्रोफेसर कीर्ति मिश्रा, प्रोफेसर अमीष डुग्गर , प्रोफेसर जयंत नासा , प्रोफेसर शोभित अग्रवाल , जोएलज़ेवियर ने भी स्वयंसेवा प्रदान कर सत्र लिए । उदयपुर के सभी यूनिवर्सिटी के अध्यापक (सीनियर हो या जूनियर प्रोफेसर ) ने इस कोर्स का लाभ लिया। इसमें कई विवि ने हिस्सा लेकर लाभ लिया। अंतिम दिन सभी पार्टिसिपेंट्स को सर्टिफिकेट ऑफ़ पार्टिसिपेशन प्रदान किया गया ।