
पंकज वैष्णव
राज्य सरकार ने सस्ता गैस सिलेंडर देने की योजना का दायरा बढ़ाते हुए खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को भी शामिल किया। इससे आमजन को जोडऩे के लिए ई-केवाईसी का काम जोरों से चल रहा है। उदयपुर जिले में ई-केवाईसी का काम 80.76 फीसदी हो पाया है, जबकि शत प्रतिशत करने में कई मुश्किलें सामने आ रही है। सर्वाधिक परेशानी आदिवासी अंचल में आ रही है, जहां के लोगों में जागरूकता की कमी है। कहीं राशन डीलर कोताही बरत रहे हैं तो कहीं आमजन आगे नहीं आ रहे हैं। नतीजा ये कि ई-केवाईसी नहीं करवाने वाले उपभोक्ता सस्ते सिलेंडर के साथ ही सस्ते अनाज से भी वंचित हो सकते हैं।
नए सिरे से योजना सितंबर से शुरू हो गई, लेकिन उदयपुर जिले में खाद्य सुरक्षा के लाभार्थियों को पंजीयन के बिना सस्ता गैस सिलेंडर मिलना मुश्किल होने वाला है। प्रक्रिया के तहत रसोई गैस सिलेंडर 450 रुपए में लेने के लिए उपभोक्ताओं को आधार नबर और गैस कनेक्शन की जानकारी राशन डीलर को देनी है। डीलर पोस मशीन में डाटा फिडिंग कर रहे हैं। सभी उपखंड अधिकारियों और तहसीलदारों को भी जिला प्रशासन की ओर से आदेश जारी किया गया है, जिसमें ई-केवाईसी का काम पूरा कराने के निर्देश दिए गए हैं। यह प्रक्रिया 5 नवबर को शुरू हुई, जो 30 नवबर तक चलेगी। इस काम में महज दस दिन शेष रहे हैं, ऐसे में तमाम कार्मिकों में खलबली मची हुई है।
84.63 प्रतिशत डीएसओ प्रथम क्षेत्र की प्रगति
78.18 प्रतिशत डीएसओ द्वितीय क्षेत्र की प्रगति
79.08 प्रतिशत सलूबर क्षेत्र की प्रगति हुई है
डेटा सीडिंग का काम पोस मशीन के माध्यम से राशन डीलरों से कराया जा रहा है। कई राशन डीलर ऐसे हैं, जो मशीन का इस्तेमाल करने से बच रहे हैं। जिले में ऐसे 109 राशन डीलरों को जिला रसद अधिकारी ने नोटिस दिए हैं। इसके बावजूद डेटा सीडिंग में कोताही बरतने पर उन्हें निलबित करने की चेतावनी दी गई है।
Updated on:
20 Nov 2024 11:48 am
Published on:
20 Nov 2024 11:42 am
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