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केन्द्र सरकार ने उच्च शिक्षा के लिए उठाया ये कदम..अब देशभर के विश्वविद्यालयों में खुलेंगे आईयूसी

उच्च शिक्षा और अनुसंधान में गुणवत्ता की पहल : कई विदेशी शिक्षण संस्थाओं से मिलाया हाथ

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उदयपुर . देश में उच्च शिक्षा और अनुसंधान की गुणवत्ता को विश्व स्तरीय बनाने के लिए केन्द्र सरकार ने दुनिया के कई देशों से हाथ मिलाया है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए कई विदेशी शिक्षण संस्थानों के साथ मिलकर कई अनुसंधान कार्यक्रम चलाए हैं, ताकि विद्यार्थी अपना भविष्य बेहतर बना सकें। जल्द ही देश के विश्वविद्यालयों में आईयूसी खोले जाएंगे।


ऐसे लिया जा रहा सहयोग
अंतर विश्वविद्यालय केन्द्रों (आईयूसी)
अमरीका, ब्रिटेन, इजराइल, नॉर्वे और न्यूजीलैंड के सहयोग से भारतीय फैकल्टी के लिए विशेष योजनाएं चलाई जाएंगी। साथ ही शैक्षणिक अनुसंधान को आगे बढ़ाने के लिए शिक्षकों को एक अवसर प्रदान करने के लिए गतिविधियां चलाई जा रही है। जैसे अंतर विश्वविद्यालय केन्द्रों (आईयूसी) की स्थापना के बाद विभिन्न योजनाओं के माध्यम से कला उपकरण व सुविधाएं दी जाएंगी।


उच्चतर आविष्कार योजना (यूएवाय)
इसका उद्देश्य आईआईटी में नवाचार को बढ़ावा देना है, ताकि इसका लाभ औद्योगिक उपक्रमों को भी मिल सके। शिक्षा और उद्योग में बेहतर समन्वय कायम होगा जिससे प्रयोगशालाओं और अनुसंधान सुविधाओं को मजबूती मिलेगी।

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प्रभावशील अनुसंधान नवाचार और प्रौद्योगिकी (आईएमपीआरआईएनटी)
इसका उद्देश्य समाज की आवश्यकता के लिए तत्काल प्रासंगिकता के क्षेत्रों की पहचान करना है। विभिन्न आयाम तलाश कर एेसा क्या नवाचार किया जाए, जिसका सीधा फायदा आमजन को मिल सके। इस योजना में ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों को लाभ देना है। इसमें मानव संसाधन विकास मंत्रालय 50 और अन्य मंत्रालय 50 प्रतिशत खर्च राशि वहन करेंगे।


आईआईटी में रिसर्च पार्क की स्थापना
आईआईटी दिल्ली , गुवाहाटी, कानपुर व हैदराबाद के साथ ही आईआईएससी बेंगलूरु में रिसर्च पार्क की स्थापना के लिए सरकार ने 75 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है। आईआईटी में पहले से अनुमोदित दो रिसर्च पार्क को जारी रहने दिया गया है। आईआईटी मुम्बई व खडग़पुर में 100 करोड़ रुपये की लागत से रिसर्च पार्क तैयार होगा। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग आईआईटी गांधीनगर को 90 करोड़ रुपए वित्त पोषित कर रहा है।


कई योजनाएं चल रही हैं। अनुसंधान व शैक्षणिक स्तर पर मजबूती जरूरी है। यदि हम विश्व स्तरीय पायदान पर जाना चाहते हैं, तो आईयूसी जैसे केन्द्र खुलने से लाभ होगा। विदेशों में चल रही प्रणालियां व तकनीकी जानकारियों का विद्यार्थियों को फायदा मिलेगा।
प्रो. जेपी शर्मा, कुलपति मोहनलाल सुखाडि़या विश्वविद्यालय उदयपुर


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