
पंचायतें बाट रहीं परमिशन, भूमाफिया धड़ल्ले से काट रहे पहाड़
सरकार के नोटिफिकेशन का सहारा लेकर ग्राम पंचायतें पहाडि़यों पर आवास की परमिशन बांट रही है। इसका फायदा उठाकर भूमाफिया खातेदारी पहाड़ों को समतल कर धड़ल्ले से कॉलोनी काट रहे हैं। जबकि, हाइकोर्ट ने स्पष्ट कर रखा है कि किसी भी िस्थति में खातेदारी पहाड़ी का स्वरूप नहीं बदला जाएगा। प्रशासन भी मानता है कि पंचायतें अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर एनओसी और नक्शा अप्रूव्ड कर रही है।दरअसल, राजस्थान गजट विशेषांक के तहत जिला बोर्ड, परिषद, नगर आयोजना संबंधी विज्ञप्ति 6 जनवरी 2021 को जारी की गई। इसके अनुसार सक्षम संस्था से भवन निर्माण अनुज्ञा के लिए ग्राम पंचायत की आबादी क्षेत्र में ग्राम पंचायत का प्राधिकृत अधिकारी, नगर पालिका क्षेत्र में संबंधित प्राधिकृत अधिकारी या अन्य यूआईटी के प्राधिकृत अधिकारी को सक्षम संस्था माना है।
इसी की आड़ में राज्य सरकार के आदेश का हवाला देकर भूमाफिया ने गली निकाल ली है। ऐसे में पहाड़ों पर जेसीबी चलाकर लगातार कंक्रीट का जंगल खड़ा किया जा रहा है। ऐसे में पारिस्थितिकी तंत्र बुरी तरह से प्रभावित हो गया है। अकेले उदयपुर में ही 77 ऐसी कॉलोनियां बनाई जा रही है, जो पहाड़ों को नुकसान पहुंचा कर तैयार की गई है। ये सभी शहर की पेराफेरी में है, जिनमें अधिकांश की स्वीकृति ग्राम पंचायतों की ओर से दी गई है।
हाइकोर्ट ने स्पष्ट कर रखा, पहाड़ नहीं काटें
अरावली बचाने के लिए हाइकोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए पहाड़ काटने पर पूरी तरह से रोक लगा रखी है, लेकिन भूमाफिया खातेदारी की आड़ में लगातार पहाडिय़ों को छलनी कर रहे हैं। तहसील कार्यालय व पंचायतों से नियम विरुद्ध एनओसी लेकर नक्शे एप्रूव्ड किए जा रहे हैं। पहाड़ 11 डिग्री एंगल तक कटाई का नियम था, जिसे 15 डिग्री किया गया। इनकी आड़ में भूमाफिया पहाड़ों को 90 डिग्री एंगल तक काटते हुए पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित कर रहे हैं। पहाड़ों को कटने से कई जगह पर जलप्रवाह मार्ग खत्म हो गए।
हाइकोर्ट ने ये बता रखे नियम
- बिलानाम व खातेदारी पहाडिय़ां में खनन गतिविधियां पर पूरी तरह से रोक
- भू-सतह से 50 मीटर से अधिक ऊंचाई की निजी खातेदारी की पहाडिय़ां तथा उससे अधिक ढलान की छोटी पहाडिय़ों की कटाई पर रोक लगाना।
- उदयपुर के परिधिय क्षेत्र में स्थित पहाडिय़ोंं को संरक्षित रखने के लिए विशेषज्ञों के दल द्वारा पहाडिय़ों को चिह्नित कर टोपा शीट में मार्क किया जाना चाहिए ताकि उन्हें उसी रूप में रखा जा सके एवं कटाई की अनुमति बिल्कुल वर्जित रखी जाए।
- परिधिय क्षेत्र में स्थित पहाडिय़ों पर फार्म हाउस तथा रिसोर्ट के अलावा अन्य अकृषि प्रयोजनार्थ रूपांतरण पर रोक लगाई जाए।
- फार्म हाउस तथा रिसोर्ट के लिए भवन निर्माण स्वीकृति नहीं दी जाकर ढलान युक्त भूमि पर ही भवन निर्माण की अनुमति दिए जाने का प्रावधान किया जाए।
- उदयपुर की परिधिय क्षेत्र में जो खनिज क्षेत्र है उनको संपरिवर्तन एवं निर्माण के लिए स्वीकृत नहीं किया जाए।
Published on:
23 Feb 2024 09:58 am
बड़ी खबरें
View Allउदयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
