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वन विभाग की ओर से 3.45 करोड़ के बजट से लॉयन सफारी तैयार की जा रही है। जिसमें 26 हेक्टेयर में एक एनक्लॉजर बनाया जा रहा है। जिसमें शेर का हॉल्डिंग एरिया और दर्शकों के लिए डिस्प्ले एरिया शामिल होगा। पिछले करीब पांच साल से चल रही इस मशक्कत के तहत पहली सफलता तब मिली, जब जूनागढ़ (गुजरात) से शेर के एक जोड़े को लाने की मंजूरी केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण से प्राप्त हुई। हालांकि विभाग विभाग की ओर से आठ शेर रखने की क्षमता के अनुसार एनक्लॉजर बनाया जा रहा है। जुलाई के बाद जब शेर का पहला जोड़ा यहां आ जाएगा, उसके बाद इनका कुनबा बढ़ाने के लिए अन्य चिड़ियाघरों से और शेर जाए जाएंगे। विभाग चाहता है कि जहां से भी मिले स्वस्थ शेर मिले, ताकि उन्हें सफारी में लम्बे समय तक रखा जा सके। जूनागढ़ से शेर का पहला जोड़ा छह माह की अवधि में उदयपुर लाने की मंजूरी दी गई थी।सज्ज्नगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के पीछे ओर लॉयन सफारी के लिए एनक्लॉजर बनाने का कार्य तेज गति से चल रहा है। उम्मीद है कि जुलाई तक यह कार्य पूरा हो जाएगा। जूनागढ़ से शेर का जोड़ा लाने की मंजूर सेंट्रल जू ऑथोरिटी से पहले ही मिल चुकी है। एनक्लॉजर निर्माण पूरा होते ही शेर का जोड़ा यहां लाया जाएगा।
देवेंद्र कुमार तिवारी, उपवन संरक्षक (वन्यजीव)
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बायोलॉजिकल पार्क में भविष्य में टाइगर सफारी बनाने की भी योजना है। यहां लॉयन और टाइगर सफारी के लिए करीब छह साल पहले प्रस्ताव केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण को भेजे गए थे। जिन्हें अप्रेल 2023 में मंजूरी मिली थी। इसके तहत 26 हेक्टेयर में टाइगर सफारी भी प्रस्तावित है। जिसकी अनुमानित लागत 3.8 करोड़ रुपए हैं। लेकिन विभाग लॉयन सफारी के लिए प्राथमिकता से कार्य कर रहा है। टाइगर सफारी के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा।लॉयन सफारी बायोलॉजिकल पार्क के पीछे की ओर तैयार की जा रही है। जहां बाड़े में शेर खुले में घूमते देखे जा सकेंगे। इसके लिए बॉयोलॉजिकल पार्क के अलावा अलग से टिकट होगा। जिसकी टिकट दरें वन विभाग की कमेटी बाद में तय करेगी।