
जानिए, कौन है आइएएस अधिकारी, जिन्हें कांग्रेस ने उदयपुर से दिया टिकट
कांग्रेस ने उदयपुर लोकसभा सीट पर इस बार भाजपा की तरह ही नए चेहरे पर दांव खेला है। उदयपुर में कलक्टर रह चुके ताराचंद मीणा को प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में इस बार पूर्व परिवहन अधिकारी से पूर्व कलक्टर का सामना होने वाला है। इस बार उदयपुर के लोकसभा चुनाव में मुकाबला रौचक हो गया है। ताराचंद मीणा आइएएस अधिकारी हैं, जो उदयपुर में कलक्टर सहित विभिन्न पदों पर रह चुके हैं। ताराचंद मीणा पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पसंदीदा अधिकारी और करीबी माने जाते हैं। इसी की बदौलत उन्हें टिकट मिलना बताया जा रहा है।
आइएएस ताराचंद मीणा मूलत: पाली जिले के मारवाड़ जंक्शन के रहने वाले हैं। उनके पिता बोरीदास मीणा किसान थे। ताराचंद मीणा की प्रारंभिक शिक्षा मारवाड़ जंक्शन और इसके बाद की ज्यादातर शिक्षा अजमेर में हुई है। उन्होंने हिंदी साहित्य, राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र में शिक्षा हासिल की। ताराचंद मीणा राज्य सिविल सेवा से पदोन्नत 2011 बैच के आइएएस अधिकारी है। मीणा ने सेवानिवृत्ति से पहले ही वीआरएस लिया है।
प्रशासनिक सेवा में चयन के बाद वे 1996 में बिलाड़ा जोधपुर में अतिरिक्त कलक्टर बने थे। इसके बाद वे बीकानेर, जालौर, सिरोही, भरतपुर, कोटा, झालावाड़, जोधपुर, जयपुर, सवाईमाधोपुर में कई पदों पर रहने के बाद अप्रेल 2021 में चित्तौडग़ढ़ के कलक्टर बने। इसके बाद वे जनवरी 2022 में उदयपुर के कलक्टर बनाए गए। डेढ़ साल तक कलक्टर रहने के बाद उन्होंने टीएडी कमिश्नर सहित अन्य पदों की जिम्मेदारी भी संभाली। दो माह पहले वे एपीओ कर दिए गए। उन्होंने चुनाव लडऩे के लिए वीआरएस के लिए भी आवेदन कर रखा है।
मिशन कोटड़ा से आए थे चर्चा में
उदयपुर कलक्टर रहते ताराचंद मीणा ने आदिवासी अंचल के उत्थान को लेकर मिशन कोटड़ा चलाया था। उदयपुर जिला मुख्यालय से कोटड़ा को जोडऩे के लिए कई सुविधाएं मुहैया करवाई। अधिकारी कोटड़ा जाने लगे, वहीं आदि महोत्सव आयोजित हुआ। मीणा को अप्रेल 2023 में सीएम एक्सीलेंस अवॉर्ड से नवाजा गया।
पूर्व सीएम गहलोत के करीबी
माना जाता है कि प्रदेश में भाजपा के भजनलाल शर्मा की सरकार बनने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पसंदीदा अधिकारी ताराचंद मीणा को एपीओ कर दिया गया। पिछले दो माह से पदस्थापन की प्रतीक्षा में चल रहे ताराचंद मीणा ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया और 20 मार्च को उनकी सेवाएं पूरी होगी।
विधानसभा चुनाव में भी थी चर्चा
उदयपुर कलक्टर रहते मीणा ने जिले में काफी पहुंच बनाई। ऐसे में वे आदिवासी अंचल में जाना माना चेहरा रहे हैं। ताराचंद मीणा के विधानसभा चुनाव में भी टिकट लेने की अटकलें चलती रही। हालांकि वे चुनाव लडऩे की बात को सीरे से खारिज करते रहे हैं। अब लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने उन्हें मैदान में उतारा है।
गहलोत की चली: चित्तौडग़ढ़ से आंजना
कांग्रेस ने प्रदेश में 10 सीटों के नाम मंगलवार को घोषित कर दिए। जहां उनके बेटे वैभव गहलोत को जालौर से टिकट दिया है, वहीं चित्तौडग़ढ़ में उदयलाल आंजना को प्रत्याशी बनाया है, जो गहलोत के ही करीबी मंत्री रहे हैं। इसी तरह की स्थिति उदयपुर में रही। लिहाजा यह कहना सहज होगा की गहलोत की खूब चली है।
Published on:
13 Mar 2024 01:24 am
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