
सवालों के घेरे में एमबी हॉस्पिटल, दवाओं की कालाबाजी में रंगे हाथ
निजी लैब पर सरकारी दवा मिलने के गंभीर मामले के बाद एमबी हॉस्पिटल सवालों के घेरे में है। एमबी हॉस्पिटल के कर्मचारियों के हाथ दवाओं की कालाबाजी में रंगे होने से इनकार नहीं किया जा सकता। निजी लैब में सरकारी खेप के इंजेक्शन मिलने के मामले में जांच कर रही टीम ने सरकारी कर्मचारियों की कालाबाजारी के खेल में मिलीभगत से इनकार नहीं किया है। टीम का कहना है कि इंजेक्शन मरीजों को लगाए बिना उनसे स्टॉक में नहीं बताकर बाहर से मंगवाए गए और उनके नाम से रजिस्टर में एन्ट्री की गई या फिर फर्जी एन्ट्री से प्रतिदिन इंजेक्शन निकाले गए यह जांच की जा रही है।
अब तक की जांच और अहम बिन्दु
- सीएमएचओ शंकरलाल बामनिया के नेतृत्व में औषधि नियंत्रक की टीम ने शुक्रवार को आरएनटी के ड्रग स्टोर के रेकॉर्ड की जांच की तथा लैब के दस्तावेज तलब किए।
- आरएनटी के ड्रग स्टोर में चार बैच के इंजेक्शन का स्टॉक मिला है। इनमें से एक बैच के करीब 1700 इंजेक्शन अक्टूबर 2022 में राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन से मिले थे।- मांग के अनुसार स्टोर इंचार्ज ने दिसम्बर 2022 तक इसकी सप्लाई एमबी चिकित्सालय को की थी। बचे 30 इंजेक्शन का 26 जुलाई 2023 को ही एमबी के नाम से वाउचर कटाए लेकिन ये इंजेक्शन अब तक भी स्टोर में रखे मिले।
- अधिकारियों का कहना है कि अब तक 12 में से सिर्फ 4 बैच के 81 इंजेक्शन का रेकॉर्ड ही आरएनटी से मिला है। अगर यहां से बाजार में ये इंजेक्शन गए तो अधिकतम 81 ही संख्या हो सकती है।- इस बैच के इंजेक्शन राज्य के कई जिलों में सप्लाई हुए हैं। ऐसे में अन्य जिलों से भी कालाबाजारी हुई है।
यह है पूरा मामला
गुरुवार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की टीम ने उदयपुर के कोर्ट चौराहे पर स्थित क्षिप्रा सीटी स्कैन सेंटर पर छापा मारते हुए 296 इओहेक्सोल इंजेक्शन के खाली वाइल बरामद किए थे। जो मेडिकल वेस्ट के ढेर में मिले। पंद्रह सौ से दो हजार रुपए कीमत के ये इंजेक्शन अस्पताल से चोरी कर बेचे गए थे। सहायक औषधि नियंत्रक ललित अजारिया के नेतृत्व में टीम अभी जांच में जुटी है।
इधर, एमबी हॉस्पिटल का हेल्पर गिरफ्तार
एमबी हॉस्पिटल से सरकारी दवाएं चुराकर बाजार में बेचने के मामले में हेल्पर को गिरफ्तार किया गया है। उसके खिलाफ जनवरी के बाद फिर से केस दर्ज किया गया है। हाथीपोल थाना पुलिस ने बताया कि एमबी हॉस्पिटल अधीक्षक डॉ. आरएल सुमन ने मामला दर्ज कराया था। बताया कि हॉस्पिटल के डीडीसी संख्या 3 पर कार्यरत कर्मचारी हेल्पर मदनसिंह स्टोर से अनाधिकृत रूप से स्टोर से दवा निकलवाकर बाजार में बेंचे जाने की शिकायत मिली। इस पर जांच कमेटी का गठन किया गया, जिसमें कर्मचारी जांच में कर्मचारी दोषी पाया गया है। इस पर चिकित्सालय अधीक्षक की रिपोर्ट पर पुलिस ने मामला दर्ज कर प्रकरण में जांच करते हुए नाई निवासी मदन सिंह पुत्र गुलाब सिंह को गिरफ्तार किया गया। इससे पहले जनवरी में हॉस्पिटल अधीक्षक डॉ. सुमन ने संविदाकर्मी मदनसिंह के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।
Published on:
29 Jul 2023 04:05 am
बड़ी खबरें
View Allउदयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
