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कच्ची बस्ती और फुटपाथ के पास टेंट में रहने वाले अधिकतर बच्चों का शिक्षा से दूर-दूर तक नाता नहीं होता। कई बच्चे गुब्बारे या अन्य छोटा-मोटा सामान बेचने लग जाते हैं तो कई चौराहों पर भीख मांगते दिखते हैं। लेकिन, ऐसे ही बच्चों का शिक्षा से नाता जोड़ रही हैं उदयपुर की मंजूलक्ष्मी। वे पिछले 7 साल से कच्ची बस्ती व फुटपाथ पर रहने वाले परिवारों के बच्चों को निशुल्क पढ़ाती हैं तो वहीं उनका एडमिशन सरकारी स्कूलों में भी करा चुकी हैं। वर्तमान में भी वे आरटीओ कार्यालय के पास ही एक जगह पर शाम को सप्ताह में 6 दिन निशुल्क ऑफलाइन और ऑनलाइन क्लासेस लगाती हैं।
साल दर साल बच्चे जुड़ते गए
मंजू लक्ष्मी ने बताया कि इसी अक्टूबर माह में उन्हें ये कार्य करते हुए 7 साल पूरे हुए हैं। शुरुआत में बहुत कम बच्चे आते थे, क्योंकि ना तो उन्हें और ना ही उनके अभिभावकों को पढ़ाई में कोई रुचि थी। लेकिन, साल दर साल बच्चे जुड़ते गए। अब अभिभावक खुद लेकर आते हैं। आज उनके पास 40 बच्चे हैं, जो नियमित कक्षाओं में आते हैं और स्कूल भी जाते हैं। वे उन बच्चों को कॉपी, किताब, पेंसिल आदि स्टेशनरी से लेकर ड्राइंग-पेंटिंग की चीजें भी खुद ही देती हैं। उन्होंने बताया कि कोविड के दौरान उन्होंने ऑनलाइन क्लासेस भी शुरू की। जिनके पास मोबाइल है, उन्हें वॉट्सएप वीडियो कॉल करके और वीडियोज भेज कर पढ़ाया।
Updated on:
31 Oct 2023 12:13 am
Published on:
31 Oct 2023 12:12 am
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