
उदयपुर में यहां आए थे मुनि तरूणसागर...तब कटारिया और भींडर ने लिया था मुनि का आशीर्वाद..
राकेश पचार/लूणदा. राष्ट्र संत मुनि तरूण सागर के समाधि मरण होने पर जैन समाज के धर्मावलंबियों में शोक की लहर छाई हुई है। वहीं मुनि तरूण सागर के अनुयायियों ने भाववीनी श्रद्वांजलि अर्पित की। मुुुुनि 3 जुलाई 2011 को लूूूणदा आए थेेे। राष्ट्र संत क्रांतिकारी मुनि तरूण सागर ने 3 जुलाई 2011 को उदयपुर जिले में प्रवेश कर लूणदा में रात्रि विश्राम किया था । इस दौरान उदयपुर सहित आसपास क्षेेत्रों से हजारों लोगों ने अमरपुरा जागीर चौराहे पर मुनि तरूण सागर की उदयपुर जिले में अगवानी की । वहीं लूणदा में धर्मसभा को संबोधित किया था और अपने संबोधन में मुनि श्री नेे कहा थ्ाा कि मजहब नहीं मान्यता बदलने आया हूं । इस दौरान दौरान तत्कालीन विधायक गुलाबचंद कटारिया एवं रणधीर सिंह भीण्डर व गौतम लाल मीणा ने भी राष्ट्र संत मुनि तरूण सागर की अगवानी करते हुए अाशीर्वाद लिया था।
गौरतलब है कि जैन मुनि तरुण सागर का लंबी बीमारी के बाद यहां शनिवार तड़के निधन हो गया। वह 51 वर्ष के थे। उनके निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक प्रकट किया। कोविंद ने ट्वीट कर कहा, 'कड़वे प्रवचन' के लिए प्रसिद्ध जैनमुनि श्री तरुण सागर जी महाराज के निधन के बारे में सुनकर दुखी हूं। उन्होंने समाज में शांति और अहिंसा का संदेश फैलाया। हमारे देश ने एक सम्मानीय धार्मिक नेता को खो दिया। उनके अनगिनत शिष्यों के प्रति मेरी संवेदनाएं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, जैन मुनि तरुण सागरजी के निधन की खबर सुन गहरा दुख हुआ..हम उन्हें हमेशा उनके प्रवचनों और समाज के प्रति उनके योगदान के लिए याद करेंगे। उनके प्रवचन हमेशा लोगों को प्रेरित करते रहेंगे. मेरी संवेदनाएं जैन समुदाय ओर उनके अनगिनत शिष्यों के साथ है। सागर को इससे पहले दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी उनके निधन पर शोक जताया और कहा कि वह प्रेरणा के स्राेेेत थे।
Published on:
01 Sept 2018 05:49 pm
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