
उदयपुर. शहर के प्रमुख बाजारों और मोहल्लों में भी वक्फ की 100 से ज्यादा सम्पत्तियां है लेकिन उनमें से आधी गायब हैं। कुछ सम्पत्तियां देहलीगेट और शास्त्री सर्कल जैसे प्रमुख चौराहे पर होकर वक्फ के नाम बोल रही है। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में चले वाद में यह सम्पत्तियां वक्फ के खाते में आने के बावजूद आज तक इन्हें कोई खाली नहीं करवा पाए। कुछ सम्पत्तियां ऐसी भी है जहां पर लोगों ने कब्जा करते हुए मकान तक बना लिए, वे उनका किराया भी अदा नहीं कर रहे।
उदयपुर में शहर में वक्फ की सम्पत्तियों में 52 मस्जिदें, मुस्लिम मुसाफिर खाना, पलटन मस्जिद, कब्रिस्तान, अंजुमन तालीमुल इस्लाम, खेरादीवाड़ा में जुक्मी फकीरन के नाम से कई जमीनें हैं। इसके अलावा शास्त्री सर्कल चौराहे पर स्थित जमीन व देहलीगेट चौराहे पर मौजूद दुकानें वक्फ की सम्पत्तियां हैं। कइयों पर लोगों ने कब्जा कर रखा है।
19 हजार 44 संपत्तियां राजस्थान वक्फ बोर्ड के पास
17 हजार 415 संपत्तियां राजस्थान राजपत्र में प्रकाशित
1629 राजपत्र प्रकाशन के बाद दर्ज
2 करोड़ से ज्यादा किराया इन वक्फ संपत्तियों से आ रहा
706 वक्फ बोर्ड की सम्पत्तियों पर अतिक्रमण
100 से ज्यादा उदयपुर वक्फ बोर्ड के पास है सम्पत्तियां, आधी गायब
2 संपत्ति तो देहलीगेट व शास्त्री सर्कल चौराहे पर
15-20 सम्पत्तियों पर लोगों ने कर रखे कब्जे
282 कमेटियां कर रही राज्य में संपत्ति का प्रबंधन
राजस्थान में वक्फ की कुल संपत्तियों का प्रबंधन देखने के लिए बोर्ड द्वारा 282 कमेटियां बनाई हैं। इनमें से 177 कमेटियां ऐसी है, जिनकी सालाना आय एक लाख रुपए से अधिक है।
देश में पहला वक्फ अधिनियम 1954 में बनाया था। इसी के तहत वक्फ बोर्ड का गठन किया था। 1955 में पहला संशोधन किया गया। 1995 में नया वक्फ कानून बना था। इसके तहत राज्यों को वक्फ बोर्ड गठन की शक्ति दी गई। साल 2013 में संशोधन किया गया और सेक्शन 40 जोड़ी गई थी।
Published on:
05 Apr 2025 01:11 am
बड़ी खबरें
View Allउदयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
