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आखिर ऐसी क्या वजह थी जो एक मां अपने बच्चे को घायलावस्था में छोड़ गयी

उदयपुर . मां! मेरा क्या कसूर था। तू अब तक मुझे देखने क्यों नहीं आई। मैं अकेला इन जख्मों से नहीं लड़ सकता।

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mother left his child in injured condition udaipur

उदयपुर . मां! मेरा क्या कसूर था। तू अब तक मुझे देखने क्यों नहीं आई। मैं अकेला इन जख्मों से नहीं लड़ सकता। मुझे तेरे बिना कुछ अच्छा नहीं लगता। ले चल मुझे ‘बीमारी वाले इस पिंजरे’ से बाहर। मैं जीना चाहता हूं, लेकिन तुझसे दूरी नहीं सहन कर सकता। यहां तो लोग मेरी भाषा भी नहीं समझते। न जाने सफेद कपड़ों वाले ये लोग मुझे बात-बात पर इंजेक्शन लगा देते हैं।


इस वेदना और नम आंखों के बीच बुधवार सुबह महाराणा भूपाल राजकीय चिकित्सालय की बाल चिकित्सा इकाई में चार साल के हरजू और उसकी मां का मिलन हुआ। कई दिन पहले बतौर अज्ञात वार्ड 301 की बेड संख्या 30 पर भर्ती हुए अपने बेटे को ढूंढते हुए पादड़ी गांव से एक महिला बाल चिकित्सालय पहुंची। जब वह बेटे को साथ ले जाने लगी तो चिकित्सा स्टाफ ने उसे बच्चा सौंपने से मना कर दिया। उनका कहना थाा कि अज्ञात अवस्था में मिला यह बच्चा अब बाल कल्याण समिति की सरकारी प्रक्रिया के बाद ही मिलेगा। मां की ममता भी अड़ी रही।

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उसकी जिद देखते हुए चिकित्सालय स्टाफ को पुलिस चौकी स्टाफ की मदद लेनी पड़ी। पुलिस जवान ने भी मौके पर आकर सरकारी प्रक्रिया पूरी करने की बात कही। इसके बाद गरीब तबके की बेचारी मां उसके बेटे के लिए न जाने कहां-कहां भटकती फिरी, लेकिन कार्रवाई नहीं हो सकी।

पहले भी घायल मिला
इधर, बाल कल्याण समिति के सदस्य हरीश पालीवाल ने बताया कि पादड़ी निवासी उक्त महिला पहले भी इसी बच्चे को घायलावस्था में छोडकऱ चली गई थी, जिसका जागरूक लोगों ने उपचार करवाया। इस बार 23 नवम्बर को बच्चा घायलावस्था में पादड़ी में मिला था। सूचना पर रोगी वाहन से उसको चिकित्सालय पहुंचाया। अज्ञात के नाम से बालक के भर्ती होने की सूचना उन्हें चिकित्सालय से टेलीफोन पर मिली थी। इसके बाद चाइल्ड लाइन की टीम ने बच्चे की हालत देखी। एक सदस्य ने बच्चे को पहचान लिया। जानकारी के हिसाब से मां अधिकतर मौकों पर शराब के नशे में रहती है। प्रक्रिया पूरी कर पूरी जिम्मेदारी के साथ बच्चा उसकी मां को सौंपा जाएगा।