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मिलिए मृत्युंजय यादव से, लाखों के पैकेज को ठुकरा चुनी अपनी अलग राह

उदयपुर. उन्होंने अपने पंखों से नई उड़ान के लिए अपना आसमां चुन लिया।

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भूवनेश पंड्या/ उदयपुर . आईआईएमयू ने गत वर्षों में कई कीर्तिमान रचे हैं, लेकिन ये नई इबारत ऐसी है, जो हर बार यहां की फैकल्टी से लेकर हर विद्यार्थी के चेहरे पर रौब जरूर ले आएगी। गत सात वर्षों में 25 हुनरबाज विद्यार्थियों ने यहां से पढकऱ लाखों के पैकेज को ठोकर मार दी।

उन्होंने अपने पंखों से नई उड़ान के लिए अपना आसमां चुन लिया। भविष्य के ये एन्टरप्रेन्योर जो ना केवल राजस्थान बल्कि देश-विदेश में अपनी छाप छोड़ रहे हैं। उन्होंने अपना बिजनेस शुरू कर अन्य कई जरूरतमंदों को नौकरी दी है।

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मृत्युंजय यादव : पहले स्टार्टअप पर्सन ऑफ आईआईएमयू

-उनकी कंपनी में वर्तमान में 11 कार्मिक हैं। वे अपने कार्मिकों को अधिकतम 50 हजार रुपए तक मासिक वेतन दे रहे हैं।


आईआईएमयू के पहले स्टार्टअप पर्सन मृत्युंजय यादव मूलत: वाराणसी निवासी हैं। उन्होंने आईआईएम से पढ़ाई पूरी करने के बाद बेंगलूरु की एक कंपनी से वार्षिक दस लाख रुपए का पैकेज छोड़ दिया। यादव ने बताया कि उन्होंने अपने कोर्स के दौरान जिस कंपनी में काम किया, उसी कंपनी ने उन्हें नौकरी का ऑफर दिया था। हालांकि वे शुरू से ही कुछ नया करना चाहते थे।

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वर्ष 2014 में यादव ने बैंक लोन की मदद से उदयपुर में ही अपनी कंपनी खोल ली। वे स्नेक्स बनाकर इसे बाजार में सप्लाई करने लगे। सोया स्टिक, गेहूं स्टिक और अन्य कई उत्पाद बनाने लगे हैं। वे कच्चा माल मुम्बई, अहमदाबाद और दक्षिण भारत से मंगवाते हैं। अपने उत्पाद की बेहतरी के लिए उन्होंने थाईलैंड से भी कुछ कच्चे माल की व्यवस्था की है। उनकी कंपनी में वर्तमान में 11 कार्मिक हैं। वे अपने कार्मिकों को अधिकतम 50 हजार रुपए तक मासिक वेतन दे रहे हैं।