
उदयपुर . केंद्र सरकार अब देशभर में दसवीं कक्षा के लाखों बच्चों की 5 फरवरी को नेशनल अचीवमेंट सर्वे-2018 के तहत परीक्षा लेकर नब्ज टटोलेगी। इसमें उदयपुर जिले के 290 स्कूलों के करीब साढ़े 28 हजार बच्चे परीक्षा देंगे। इसमें 240 सरकारी स्कूलों के 26 हजार और 50 निजी स्कूलों के ढाई हजार बच्चे हिस्सा लेंगे। हर दो स्तर पर होने वाली इस परीक्षा के जरिये विद्यार्थियों के वास्तविक ज्ञान की परख होगी। परीक्षा के आधार पर करीब एक हजार बच्चों को छात्रवृत्ति दी जाएगी। इसमें 11वीं और 12वीं के बच्चों को 1250 रुपए प्रतिमाह दिए जाते हैं। दो हजार रुपए स्नातक और स्नातकोत्तर करने वाले बच्चों को दिए जाते हैं। डॉक्टरेट करने वाले विद्यार्थियों के लिए भी छात्रवृत्ति का प्रावधान है।
ये आएगा परीक्षा में
- मेंटल एबिलिटी टेस्ट - 50 अंक/ 50 प्रश्न भाषा
- टेस्ट अंग्रेजी और हिन्दी 50 अंक/ 50 प्रश्न
- स्कॉलरशिप एप्टीट्यूट टेस्ट 100 अंक
प्रदान करता है सीखने की अंतर्दृष्टि
सीखने का मूल्यांकन शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण, एनसीईआरटी के नेशनल काउंसिल के अनुसार किया जाएगा। अब तक कक्षा 4 और 3 राउंड के लिए नेशनल अचीवमेंट सर्वे के चार राउंड आयोजित किए गए हैं। ये सर्वेक्षण विभिन्न विषयों में छात्रों की सीखने की उपलब्धियों में अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं। 2018 से सरकार ने एक नेशनल अचीवमेंट सर्वे को हर जिला स्तर पर कराने निर्णय किया है। छात्र के मूल्यांकन एनसीईआरटी मूल्यांकन के साथ जोड़े जाएंगे।
अगले महीने तय होगी रूपरेखा
जयपुर में 18 फरवरी को इसकी रूपरेखा तैयार होगी। अपने जिले का राजस्थान और देश में कौन सा स्थान आया, ये देखा जाएगा।
नरेश डांगी, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक, उदयपुर
शोधार्थियों ने सीखा ब्राह्मी व खरोष्ठी में लिखना-पढऩा
उदयपुर. राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड विश्वविद्यालय के संघटक साहित्य संस्थान की ओर से सात दिवसीय प्राचीन लिपियों पर राष्ट्रीय कार्यशाला में सोमवार को डेकन कॉलेज पुणे के डॉ. अभिजित दांडेकर ने ब्राह्मी तथा खरोष्ठी लिपि के बारे में शोधार्थियों को वर्तमान वर्णमाला में इनके स्वरूप से पहचान करवा कर पढऩा-लिखना सिखाया। इस सत्र में शोधार्थियों ने सम्राट अशोक व चन्द्रगुप्त मौर्य के शासन काल के ब्राह्मी लिपि के शिलालेखों को पढ़ा व समझा। दूसरे सत्र में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के डॉ. कंचन लवानिया ने राजस्थानी भाषा की प्रमुख लिपि मुडिया में रियासतकालीन शासकों के ताम्रपत्र पर लिखित भाषा को सिखाया। तीसरे सत्र में डॉ. हेमेन्द्र चौधरी क्षेत्रीय अभिलेखाकार में बड़ी तादाद में रखे हुए दस्तावेजों जिनमें महिला आंदोलन, प्रज्ञामंडल आंदोलन, छात्र आंदोलन के रिकार्ड भरे पडे हैं। इन अभिलेखों में तत्कालीन समय के समाचार पत्र सीआईडी रिपोर्ट, महकमा खास रिपोर्ट, पाक्षिक रिपोर्ट, स्वतंत्रता सेनानियों के रिकार्ड मौजूद है जिनके बारे में प्रतिभागियों को विस्तार से बताया। प्रारंभ में निदेशक डॉ. जीवनसिंह खरकवाल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए सत्रों की जानकारी दी। सत्रों की अध्यक्षता कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत ने की। संचालन डॉ. कुलशेखर व्यास ने किया। आभार डॉ. कृष्णपाल सिंह देवड़ा ने किया।
Published on:
16 Jan 2018 05:07 pm
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