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राष्ट्रीय पक्षी पर कैसे काल बनकर आया लॉक डाउन, 169 मोर का शिकार, हरिण तीतर व कमेड़ी का भी जमकर किया शिकार

राष्ट्रीय पक्षी पर कैसे काल बनकर आया लॉक डाउन, 169 मोर का शिकार, हरिण तीतर व कमेड़ी का भी जमकर किया शिकार रणथम्भोर नेशनल पार्क में हिरण और चीतल सहित 4 शिकार की घटनाएं व 50 जगह पेड़ों की कटाई व अवैध खनन भीलवाड़ा. कोरोना लॉकडाउन के कारण प्रदेश में वन विभाग की ढीली पकड़ के चलते शिकारियों ने बड़ी संख्या में राष्ट्रीय पक्षी मोर, हिरण, तीतर व कमेड़ी सहित वन्यजीवों का शिकार किया।

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peacock hunting

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राष्ट्रीय पक्षी पर काल बनकर आया लॉक डाउन, 169 मोर का शिकार, हरिण तीतर व कमेड़ी का भी जमकर किया शिकार

रणथम्भोर नेशनल पार्क में हिरण और चीतल सहित 4 शिकार की घटनाएं व 50 जगह पेड़ों की कटाई व अवैध खनन

भीलवाड़ा. कोरोना लॉकडाउन के कारण प्रदेश में वन विभाग की ढीली पकड़ के चलते शिकारियों ने बड़ी संख्या में राष्ट्रीय पक्षी मोर, हिरण, तीतर व कमेड़ी सहित वन्यजीवों का शिकार किया। पीपुल फ ॉर एनीमल्स के प्रदेश प्रभारी बाबूलाल जाजू ने ये आारोप लगाया है। इस संदर्भ में जाजू ने प्राथमिकी संबंधित पुलिस अधीक्षक बीकानेर, नागौर, टोंक व चूरू को ई-मेल एवं रजिस्टर्ड डाक से दर्ज कराई है। इसमें मार्च से मई के मध्य 169 मोर सहित 194 परिंदो के शिकार की जानकारी दी है। हालांकि प्राथमिकी में भीलवाड़ा शामिल नहीं है।
जाजू ने बताया कि बीकानेर में 8 अप्रेल को श्रीकोलायत के लोईया की रोही में 23 मोर, 20 तीतर व 5 कमेड़ी, श्रीडूंगरगढ़ के सेरूणा की रोही में 35 मोर, लूणकरणसर के खोखराज में 15 मोर व 30 दिसंबर को लूणकरणसर रेंज के खोखराणा के पास 3 मोर, लूणकरणसर के खोखराणा के पास 2 मोर व 14 अप्रेल को श्रीडूंगरगढ़ रेंज के बीणा बास में 6 मोर, नागौर की डेगाना के गच्छीपुरा में 7 मोर व कुचेरा क्षेत्र के गाजू व ढाढरिया खुर्द सरहद में 14 मोर का शिकार किया गया। इसी प्रकार टोंक में मार्च में पीपलू के ग्राम सिसोला में 15 मोर, 10 अप्रेल को गुराई के देवली में 10 मोर, 13 अप्रेल को उनियारा के कल्याणपुरा में 6 मोर, नासिरदा के मालेड़ा में 20 मार्च को 10 मोर तथा मार्च में चूरू के छाप, चाड़वास के पास 23 मोरों की शिकारियों ने जहरीला दाना डालकर हत्या कर दी। जाजू ने बताया कि कोरोना लॉकडाउन के चलते रणथम्भोर नेशनल पार्क में हिरण और चीतल सहित 4 शिकार की घटनाएं व 50 जगह पेड़ों की कटाई व अवैध खनन के मामले सामने आए हैं। वन विभाग की ढीली गश्त होने से ज्यादातर जिलों में जंगलों में पेड़ों की कटाई व शिकार बढ़े हैं।