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अब विवि के प्रत्येक स्टूडेंट का होगा क्रेडिट स्कोर खाता

- न्यू एज्युकेशन पॉलिसी में हर विवि जुटा काम में - राजभवन ने सुविवि को सौंपा लॉ और मैनेजमेंट विषय पर काम

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भुवनेश पंड्या

उदयपुर. अब विवि में पढ़ने वाले हर स्टूडेंट का ऑनलाइन पोर्टल पर क्रेडिट स्कोर खाता बनेगा। बकायदा बैंक की पास बुक की तरह एक पास बुक बनेगी, इसमें हर वर्ष का स्कोर जुडे़गा। न्यू एज्युकेशन पॉलिसी को लेकर यह बदलाव किया जा रहा है। यह खाता इसलिए बनाया जा रहा है, क्योंकि यदि कोई स्टूडेंट किसी भी विवि या कॉलेज से पढ़कर देश में कहीं भी दूसरी जगह पढ़ने जाता है, तो जिस इयर को उसने पास किया है, उसे उसके अगले वर्ष में प्रवेश मिल सके। उसे शुरू से कोई डिग्री करने की जरूरत नहीं रहेगी।

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यूजीसी की क्रेेडिट ट्रांसफर

इसे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) तैयार करवा रहा है। जुलाई, 2023 से 2024 के बीच ये व्यवस्था देश भर में लागू हो जाएगी। किसी भी विश्वविद्यालय से किसी भी वर्ष की पढा़ई कर वह स्टूडेंट देश के किसी भी विवि के किसी भी कॉलेज में अगली कक्षा में पढ़ सकेगा, उसके वहीं नम्बर जुड़ जाएंगे। हर स्टूडेंट की जो क्रेडिट तैयार होगी, वह उस पासबुक के जरिए क्रेडिट बैंक पर अंकित रहेगी। वह अपने आईडी पासवर्ड के जरिए अपने स्कोर को देख सकेगा, जिसका ***** हर विवि के पास रहेगा। इस हायर एज्युकेशन पोर्टल पर ऑनलाइन सभी विवि जुडे़ रहेंगे। फिलहाल इसके सॉफ्टवेयर पर कार्य शुरू हो चुका है। मोहनलाल सुखाडि़या विवि ने राजभवन को अपना ये प्रोजेक्ट तैयार कर सौंप दिया है कि इसे किस तरह से लागू किया जा सकता है। इसमें हर स्टूडेंट्स का एकेडमिक मार्क्स खाते में दर्ज होता रहेगा।

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ये भी होगा नयान्यू एजुकेशन पोलिसी के तहत जो ड्राफ्ट सुविवि ने तैयार कर भेजा है इसमें उल्लेख है कि तीन साल की स्नातक डिग्री चार साल की होगी। फर्स्ट इयर में कोई प्रवेश ले और पढ़ाई छोड़ दे, तो उसे सर्टिफिकेट मिलेगा। किसी भी स्ट्रीम में प्रथम वर्ष में सर्टिफिकेट, सैंकड इयर में पढ़कर छोड़ने पर डिप्लोमा दिया जाएगा तो तीन वर्ष पूर्ण करने पर स्नातक की डिग्री मिलेगी, चौथे वर्ष में केवल संबंधित विषय से जुड़ा रिसर्च ओरिएंटेड पढ़ाया जाएगा। चार वर्ष की डिग्री करने पर सीधे 75 प्रतिशत अंक लाने पर पीएचडी में प्रवेश मिल सकेगा।

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स्नातकोत्तर का खाका बदलेगा

न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत स्नातकोत्तर यानी पीेजी करने का पूरा खाका बदलेगा। इसमें वर्तमान में चल रहे विषयों में से स्पेसिफिक विषय यानी उसके सब विषय तैयार होंगे। इन विषयों में पीजी करवाई जाएगी। यानी हर स्टूडेंट को एक खास विषय में वास्तविक रूप में मास्टर के रूप में तैयार किया जाएगा। सभी विश्वविद्यालय इसे लेकर विषयों पर कार्य कर रहे हैं। जल्द ही देश का हर राज्य इसे तैयार कर विषयों में एक रूपता लाते हुए राजभवन को सौंपेंगे, जहां से मानव संसाधन विकास मंत्रालय के पास भेजा जाएगा।- मोहनलाल सुखाडि़या विवि को राजस्थान के कानून व प्रबन्धन की सब विषय के पाठ्यक्रम को तैयार करने का काम दिया गया है, राजभवन में अब तक चार से ज्यादा ओरिएंटेशन हो चुके हैं।

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प्राथमिक ड्राफ्ट तैयार कर राजभवन को भेजा है

राजस्थान में सलेबस में एकरूपता लाने व सभी कार्यों के लिए कमेटी बनाई गई है। विषयवार इसका कार्य शुरू कर दिया गया है। हमने यहां से प्राथमिक ड्राफ्ट तैयार कर राजभवन को भेजा है। अन्य पर भी पूरे कार्य चल रहा है।

सुरेन्द्रकुमार कटारिया, फैकल्टी चेयरमैन, सोशियल स्टडीज व कॉर्डिनेटर