
उदयपुर. उद्योगों से निकली गैसों से तापमान और प्रदूषण में तेजी से वृद्धि हो रही है। एेसे में राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के उदयपुर कार्यालय ने प्रदूषण पर लगाम कसने के लिए ऑनलाइन मॉनिटरिंग शुरू की है। 20 फैक्ट्रियों में सेंसर लगाकर इसको विभाग के सॉफ्टवेयर से लिंक किया गया है। किसी भी फैक्ट्री से निर्धारित से अधिक मात्रा में अपशिष्ट छोडऩे पर सॉफ्टवेयर ऑटोमेटिक मैसेज सेंड कर देता है। तीन बार से अधिक लिमिट क्रॉस होने पर विभाग संबंधित फैक्ट्री को नोटिस जारी करता है।
ऑनलाइन सॉफ्टवेयर से लिंक किए गए उद्योगों में कार्बन डाई ऑक्साइड, मिथेन आदि गैसों की मात्रा मापने के लिए सेंसर लगाए गए हैं। ये सेंसर 24 घंटे उद्योगों पर कड़ी निगरानी रखते हैं। सभी उद्योगों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग और वाहनों की सख्ती से नियमित जांच से ही प्रदूषण की समस्या से काफी हद तक निजात मिल सकती है।
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बढ़ रहा जहरीली गैसों का उत्सर्जन
उद्योगों से निकलने वाली गैसों से इसी तरह प्रदूषण बढ़ता रहा तो वर्ष 2030 तक तापमान में 3.4 डिग्री तक की बढ़ोतरी हो जाएगी। 1750 के बाद तेजी से औद्योगिकीकरण के कारण गैसों का उत्सर्जन बढ़ा है। भविष्य में इनके भयावह परिणाम हो सकते हैं।
उद्योगों के प्रदूषण की ऑनलाइन मॉनिटरिंग के लिए सेंसर लगाए हैं जो विभागीय सॉफ्टवेयर से लिंक हैं। यह तकनीक बिल्कुल नई और अत्याधुनिक है। इससे तय मात्रा से अधिक अपशिष्ट निकालने वाले उद्योग पकड़ में आ सकेंगे।
बीआर पंवार, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड उदयपुर/p>
-उद्योगों से निकलने वाली गैसें वातावरण को बना रही हैं जहरीला।
-20 फैक्ट्रियों में सेंसर लगाकर विभाग से सॉफ्टवेयर से लिंक किया।
- 24 घंटे होती है सेंसर से निगरानी 3.4 डिग्री तक बढ़ सकता है तापमान 2030 में।
Updated on:
08 Aug 2017 08:17 pm
Published on:
08 Aug 2017 08:15 pm
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