
उदयपुर . फिल्म पद्मावती को लेकर आक्रोश और विरोध के बीच पूर्व राज परिवार के सदस्य लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ ने बुधवार को प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की गैर जिम्मेदाराना कार्यशैली बर्दाश्त नहीं की जा सकती है। इस काल्पनिक फिल्म के विरोध में बयानबाजी आसान है, लेकिन इसका समाधान निकालना आज की सबसे बड़ी शिक्षा होगी।
मेवाड़ ने स्पष्ट किया कि ऐसे पवित्र विषय को मनोरंजन के रूप में पेश करना किसी निर्देशक की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाता है। उन्होंने फिल्म के कलाकारों से भी पूछा कि क्या उन्होंने मर्यादा में रहकर सच्चे कलाकार होने का फर्ज निभाया है। कलाकारों ने जवाब दिया कि पैसा ही सब कुछ नहीं होता। मेवाड़ ने बताया कि जब- जब इतिहास के साथ खिलवाड़ किया गया है, मेवाड़ ने बहिष्कार किया है।
फिल्म से जो रोष उभर कर आ रहा है, उससे लोग एकजुट हुए हैं, यह काबिले-तारीफ है, लेकिन एकता आलोचना में नहीं बदलनी चाहिए। हम सब का प्रयास हो कि सरकार एक सख्त कानून बनाए, जिससे भविष्य में मेवाड़ ही नहीं अपितु संपूर्ण भारत में मनोरंजन के नाम पर इतिहास, संस्कृति और जन भावनाओं के साथ छेड़छाड़ की कोशिश नहीं की जा सके। लक्ष्यराज ने कहा कि मन में उठ रही बहिष्कार की इस आग को कानून के दायरे में रहकर मंजिल तक पहुंचाया जाए।
प्रजातंत्र में कलम से चलता है राज : विश्वराजसिंह मेवाड़
राजपूत करणी सेना के प्रधान संरक्षक लोकेन्द्र सिंह कालवी ने बुधवार को मेवाड़ परिवार के विश्वराज सिंह मेवाड़ से समोर बाग स्थित उनके निवास पर मुलाकात की। विश्वराजसिंह ने कहा कि पहले तलवार के दम राज होता था, अब लोकतंत्र में कलम से राज चलता है। क्षत्रिय समाज को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढऩा होगा। अब सिर कटवाने का समय नहीं है, क्योंकि प्रजातंत्र में सिर गिनाए जाते हैं और बहुमत की जीत होती है। मेवाड़ के गौरवशाली इतिहास से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मेवाड़ ने कहा कि राजघरानों में रानियों के नाचने की परम्परा नहीं थी। पद्मावती फिल्म के घूमर गाने में रानी को नृत्य करते हुए दिखाया गया है, इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस दौरान महिपाल सिंह मकराना, शक्ति सिंह बांदीकुई, जितेन्द्र सिंह आदि उपस्थित थे।
ब्राह्मण समाज भी आया आगे
राष्ट्रीय ब्रह्माण युवा जन सभा ने कलक्टर को ज्ञापन देकर फिल्म पद्मावती पर रोक की मांग की। प्रदेश अध्यक्ष अक्षय जोशी, पराग शर्मा ने साझा बयान में कहा कि रानी पद्मिनी ने सतीत्व की रक्षा के लिए जौहर कर उच्च बालिदान किया था। देवी के रूप में उनकी पूजा की जाती है। संभाग अध्यक्ष नरेश शर्मा आदि ने भी ज्ञापन में फिल्म को पूरे देश में प्रतिबंधित करने की मांग की है। मीडिया प्रभारी चन्द्र शेखर शर्मा, निखिल सनाढ्य आदि ने भी आक्रोश जताया।
Published on:
16 Nov 2017 01:15 am
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