
उदयपुर . सज्जनगढ़ बायोलोजिकल पार्क में पैंथर ‘रानी’ ने शनिवार तडक़े अंतिम सांसें ली। एक दिन पहले ऑपरेशन हुआ और अगले दिन सुबह रानी ने दम तोड़ दिया। करीब दस साल की रानी के पोस्टमार्टम में मौत का कारण शॉक एवं सेप्टिसीमिया बताया गया है।
पैंथर रानी के ऑपरेशन के बाद 24 घंटे गहन चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया और उसकी निगरानी में उप वन संरक्षक हरिणी वी. ने केयरटेकर को वहीं रोका। शनिवार सुबह तडक़े चार से पांच बजे के बीच पैंथर रानी ने दम ही तोड़ दिया। बाद में सूचना आला अफसरों को दी गई और फिर मेडिकल बोर्ड बिठाया गया। मादा पैंथर का सुबह 11 से 12 बजे के बीच मेडिकल बोर्ड की टीम के जयपुर चिडियाघर के वरिष्ठ वन्यजीव चिकित्सा डॉ. अरविंद माथुर, डॉ. महेन्द्र मेहता व बॉयोपार्क के डॉ. करमेन्द्र प्रताप सिंह ने पोस्टमार्टम किया। बाद में बायो पार्क में ही उसका अंतिम संस्कार किया गया। मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) राहुल भटनागर ने बताया कि मेडिकल बोर्ड के अनुसार पैंथर पायोमेट्रा से ग्रसित होना सामने आया, इसी कारण शुक्रवार को उसके ऑपरेशन के दौरान उसकी ओवरियो-हिस्ट्रेक्टोमी कर एक लीटर मवाद से भरी बच्चेदानी निकाली गई। पिछले दिनों ही आहार लेना बंद किया था रानी ने पिछले आठ-दस दिन से खाना-पीना बंद कर दिया था जिसके चलते इसके स्वास्थ्य में लगातार गिरावट हो रही थी।
संभाग प्रभारी ने किया वन विभागीय कार्यों का निरीक्षण
उदयपुर.अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं उदयपुर संभाग प्रभारी श्री ए.के.सिंह ने शुक्रवार को झाड़ोल रेन्ज में नाबार्ड योजना के तहत किये गये वृक्षारोपण कार्यों का अवलोकन किया। इस अवसर पर मुख्य वन संरक्षक अक्षय सिंह, आईपीएस मथारू व उप वन संरक्षक आर.के.जैन भी उनके साथ थे। श्री सिंह ने ग्रामीणों को वृक्षारोपण एवं वन सुरक्षा के कार्याें में सहयोग देने का आह्वान किया। उन्होंने नाल सांडोल इको ट्यूरिज्म स्थल का भी निरीक्षण किया व नाबार्ड योजनान्तर्गत चल रहे विभिन्न कार्यों का अवलोकन किया।
Published on:
13 Jan 2018 07:38 pm
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