
पारसोला पसं. आड़ पंचायत में दो माह पूर्व प्रतापगढ़ से निजी प्रतिनिधि ने जगलावदा गांव में आकर कृपा पत्नी नानका, ललिता पत्नी मनजी, रंगली पत्नी गौतम, तुलसी पत्नी हकरू, हकरी पत्नी कालिया, सविता पत्नी मुकेश, चोकली पत्नी रमनिया, कमला पत्नी गौतम, तुलसी पत्नी हरजी, दरिया पत्नी राज्या, मोती पत्नी मलिया, बापुड़ी पत्नी दशरथ, कन्ता पत्नी नारायण, सूरता पत्नी हीरा सहित करीब 50 परिवारों से 100 से 150 रुपए लेकर आवेदन लिए थे। लेकिन उन्हेें आज तक गैस कनेक्शन नहीं मिला है। प्रतिनिधियों के मोबाइल बन्द आ रहे है।
इस संबंध में पारसोला थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया था। गोपालपुरा, माण्ड़वी, शकंरखंड, नाड़, मानपुर, अणत, चरपोटिया, भरकुंडी, मुंगाणा, बोरिया व गोठड़ा के उपभोक्ताओं ने बताया कि करीब एक वर्ष पूर्व में ई-मित्र सेन्टर पर कनेक्शन के लिए सशुल्क आवेदन देने के बाद भी अभी तक गैस कनेक्शन नहीं मिला है। एचपीसीएल कम्पनी ने शिकायत पर धरियावद डीलर को एजेन्सी से हटा दिया था, लेकिन उपभोक्ताओं के स्वीकृत गैस कनेक्शन को कौन देगा यह नहीं बताया गया।
इधर, रसद विभाग ने उपभोक्ताओं का केरोसिन बन्द कर दिया है। उपभोक्ताओं ने आधार कार्ड से जांच करवाने पर गैस कनेक्शन जारी होना बताया जाता है। ऐसे में उपभोक्ता कहां पर जाए। गैस कनेक्शन आवंटन के बाद वन विभाग ने भी जगंल से जलाऊ लकड़ी ले जाने पर सख्ती कर दी। एचपीसीएल कम्पनी ने वैकल्पिक व्यवस्था के नाम पर प्रतापगढ़ को सप्लाई के लिए पाबन्द किया है। उपभोक्ता दौबारा आवेदन भी नहीं कर पा रहे है और केरोसिन भी बन्द हो चुका है।
इस समस्या को लेकर उपभोक्ताओं ने रात्रि चौपालों में रसद विभाग के अधिकारियों को व धरियावद उपखण्ड़ अधिकारी को ज्ञापन दिए थे, लेकिन कुछ नहीं हुआ। आज भी ये लोग चुल्हा फूंकने को मजबूर है।
गैस सिलैण्डर नहीं मिलने से परेशान ग्रामीण
पारसोला पसं. पारसोला क्षेत्र के उपभोक्ता गैस सिलैण्डर के लिए भटक रहे है। गत जूलाई में धरियावद निलगिरी एचपी गैस ऐजेन्सी के रद्द कर देने के बाद करीब 16-17 हजार उपभोक्ताओं को सिलैण्डर के लिए वैकल्पिक व्यवस्था प्रतापगढ़ प्रिया गैस ऐजेन्सी को दी गई थी, लेकिन उपभोक्ताओं को समय पर सिलैण्डर नहीं मिलने से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कस्बे के पदम मकनावत, मौहम्मद ईस्माइल, वासूदेव रमावत, पारस वगेरिया सहित कई उपभोक्ताओं ने बताया कि एरिया सेल्स मैनेजर से भी व्यवस्था के संबंध में सम्पर्क करने पर मोबाईल बंद आते है।
साथ ही रसद विभाग भी व्यवस्था हो रही है, यह कह कर मौन बन जाता है। कस्बे सहित आसपास के करीब तीन चार हजार उपभोक्ता है। ऐसे में सप्ताह में दो तीन बार एजेन्सी द्वारा सप्लाई करने पर ही व्यवस्था सुलभ हो सकती है। साथ ही सैकड़ों उपभोक्ताओं को सब्सीड़ी भी नहीं मिल रही है।
Published on:
24 Oct 2017 10:52 am
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