12 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Patrika Impact: खबर से मची खलबली, एक्सक्वेटर व ट्रैक्टर ले भागे अवैध खननकर्ता, मिलीभगत को लेकर उठ रहे हैं इस तरह के सवाल

उदयपुर . सराड़ा के बडावली टांडा में बजरी (रेती) का अवैध खनन करने वाले मंगलवार को अपनी जेसीबी और टे्रक्टर लेकर भाग छूटे।

2 min read
Google source verification
Patrika Impact: Illegal mining work at udaipur

उदयपुर . सराड़ा के बडावली टांडा में बजरी (रेती) का अवैध खनन करने वाले मंगलवार को अपनी जेसीबी और टे्रक्टर लेकर भाग छूटे। इसके साथ ही झाडोल, सल्लाड़ा व बडगांव में चल रहा अवैध खनन भी रोक दिया गया।


पत्रिका में मंगलवार को ‘छुट्टियों में चलता रहा अवैध खनन’ शीर्षक से छपी खबर के बाद अवैध खनन करने वालों में खलबली मच गई। वे अपनी जेसीबी और ट्रेक्टर लेकर भाग छूटे। लेकिन खान विभाग की टीम कार्रवाई के लिए मौके पर नहीं पहुंची। इससे अधिकारियों की मिलीभगत को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।

सूत्रों का कहना है कि लगातार शिकायतें मिलने के बावजूद खान विभाग के स्थानीय अधिकारियों ने कार्रवाई नहीं की और मामला निदेशालय तक पहुंच गया। इसके बाद सोमवार को जांच व कार्रवाई के आदेश दिए उसके बावजूद मंगलवार को कार्रवाई नहीं की गई।

READ MORE: MLSU@UDAIPUR : बगैर कारण बताए सेवा समाप्त की थी, वीसी और डीन हाईकोर्ट में तलब, ये आरोप लगाए गए


अवैध स्टॉक ठिकाने लगाने में जुटे
बडावली टांडा में स्कूल तथा भैरूजी मंदिर के पास अवैध खनन करके निकाली गई बजरी का स्टॉक जमा किया गया था। मंगलवार को उसे इधर उधर ठिकाने लगाने का काम भी दिनभर चलता रहा। सूत्रों का कहना है कि अवैध खनन करने वालों ने खान विभाग के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों को फोन करके यह पता लगाने की कोशिश की कि कोई टीम आ रही है क्या? कहां आ रही है?


क्या होना चाहिए
- शिकायत मिलते ही तत्काल जांच व कार्रवाई की जानी चाहिए थी।
- अवैध खनन करके बजरी का जहां-जहां स्टॉक जमा किया गया था, उसे जब्त करना चाहिए था।
- स्थानीय अधिकारी को अवैध खनन की शिकायत मिलते ही उच्चाधिकारियों को अवगत कराना चाहिए था।

क्या हुआ
- स्थानीय अधिकारी ने अवैध खनन की शिकायत मिलने के बावजूद न जांच की, ना ही कार्रवाई।
- शिकायतों को उच्चाधिकारियों से भी छिपाए रखा।
- खनन के दौरान निगरानी के लिए कोई टीम नहीं भेजी गई।
- मामला उजागर होने के बावजूद अवैध खनन करके जमा किया बजरी का स्टॉक जब्त करने की कार्रवाई भी नहीं की गई।
- पांच दिन की सरकारी छुट्टियों में लोग जेसीबी व टे्रक्टरों से खुलेआम अवैध रुप से बजरी निकालते रहे। इससे सरकार को लाखों रुपए की चपत लग गई।