
उदयपुर। यदि कोई उम्मीदवार आपराधिक छवि वाला है तो वह केवल नामांकन पत्र दाखिल करने तक सीमित नहीं रह सकेंगे। उन्हें अपने अपराध से जुड़े तथ्य प्रसारित करने होंगे। इसको लेकर चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव को लेकर जो गाइड लाइन जारी की है, उसमें आपराधिक रिकार्ड वाले उम्मीदवारों और उनसे संबंधित राजनीतिक दलों को उम्मीदवार की आपराधिक पृष्ठभूमि की जानकारी तीन बार समाचार पत्रों में प्रकाशित तथा टीवी चैनल्स पर प्रसारित करवानी होगी।
जानकारी के अनुसार सभी राजनीतिक दल आपराधिक छवि वाले लोगों को जिताऊ मानकर उन्हें मैदान में उतारते हैं। इस मामले में उत्तरप्रदेश और बिहार राज्य अग्रणी रहे हैं। जिन लोगों ने आपराधिक छवि वालों को उम्मीदवार बनाया है, उन्हें चुनाव आयोग की ओर से निर्धारित नवीन प्रारूप सी-7 में ऐसे उम्मीदवारों के चयन से 48 घंटे के भीतर यह प्रकाशित करना होगा कि आपराधिक छवि वाले व्यक्ति को ही उम्मीदवार क्यों चुना है। राजनीतिक दलों को उम्मीदवार के बारे में प्रकाशित यह जानकारी प्रकाशन के 72 घंटों के दौरान प्रारूप सी-8 में निर्वाचन आयोग को प्रेषित करनी होगी।
जानकारी करनी होगी सार्वजनिक
इसके अलावा राजनीतिक दल आपराधिक छवि वाले अपने उम्मीदवारों से संबंधित आपराधिक जानकारी फॉर्म सी-1 व सी-2 के जरिए राष्ट्रीय व स्थानीय समाचार पत्रों एवं टीवी चैनल्स में प्रसारित करवाना होगी।
प्रकाशन के लिए ये जरूरी
ऐसे राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्र जिनकी प्रसार संख्या 75 हजार प्रतिदिन हो तथा स्थानीय समाचार पत्र जिसकी प्रतिदिन 25 हजार प्रतियां प्रकाशित होती हो में अपराधों से जुड़ी सी-1 एवं सी-2 प्रारूप प्रकाशित करवाने होंगे। इसी प्रकार टीवी चैनल में इनका प्रसारण सुबह 8 से रात 10 बजे के बीच न्यूनतम 7 सैकंड के करवाना आवश्यक होगा।
यह रहेगी प्रकाशन की तिथि
चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों के अपराधों के प्रचार के लिए तिथियां भी निर्धांरित कर दी है। इन तिथियों पर उम्मीदवार व राजनीतिक दलों को अपराधों का प्रचार समाचार पत्र एवं टीवी चैनल पर करवाना होगा।
प्रथम प्रकाशन 10 से 13 नवम्बर के बीच
द्वितीय प्रकाशन 14 से 17 नवम्बर के बीच
तृतीय प्रकाशन 18 से 23 नवम्बर तक
अपराध के प्रचार पर करना होगा खर्चा
आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों को इस बार किए अपराधों के प्रचार प्रसार पर भी खर्चा करना पड़ेगा। नामांकन पत्र भरते समय उम्मीदवार अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले की जानकारी देता है तो इसका प्रचार प्रसार निर्धारित प्रारूप में करना होगा। निर्वाचन आयोग के अनुसार विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों में यदि किसी का आपराधिक रिकॉर्ड है, तो प्रथम प्रचार नामांकन वापसी की अवधि के प्रथम चार दिनों के भीतर, दूसरा प्रचार अगले पांच से आठ दिनों के बीच तथा तीसरा प्रचार नौवें दिन से प्रचार अभियान के अंतिम दिन तक (मतदान दिवस से दो दिन पूर्व तक) समाचार पत्रों व टीवी चैनल पर प्रसारित करवाने होंगे। इस पर होने वाला खर्च उम्मीदवार के चुनाव खर्च में जुड़ेगा।
एनकोर पर देख सकेंगे डिटेल
जानकारी के अनुसार नामांकन दाखिल करने वालों की जानकारी एनकोर पर उपलब्ध रहेगी। इसमें नामांकन और इस संबंध में दी गई डिटेल तथा एफीडेविट आदि एनकोर पोर्टल अपलोड हो जाएंगे। इस पर प्रत्याशी से संबंधित जानकारी देख सकेंगे।
इनका कहना है
किसी राजनीतिक दल का उम्मीदवार अगर आपराधिक छवि वाला होगा तो चुनाव आयोग के निर्देशानुसार उसे अपने अपराध का ब्यौरा समाचार पत्र के साथ-साथ टीवी चैनल पर प्रसारित करना होगा। इस पर जो भी खर्चा होगा, वह उम्मीदवार के चुनाव खर्च में जुड़ेगा।
अरविंद पोसवाल, जिला निर्वाचन अधिकारी, उदयपुर
Published on:
31 Oct 2023 08:33 am
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