
धीरेन्द्र जोशी/उदयपुर. जनजाति उपयोजना क्षेत्र में सुरक्षित परिवहन सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए चलाई जा रही बसों से रोडवेज को घाटा हो रहा है। इस योजना में जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग से रोडवेज को अनुदान भी दिया जा रहा है, लेकिन यह काफी कम होने के चलते प्रति किलोमीटर करीब 10 रुपए का घाटा हो रहा है। ऐसे में गत चार माह में रोडवेज को 50 लाख रुपए का घाटा हो चुका है।
जनजाति उपयोजना क्षेत्र में बसें चलाने के लिए जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग और रोडवेज प्रबंधन के बीच करार हुआ था। इसके तहत बसों को चलाने के दौरान होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए जनजाति विभाग की ओर से वाइबिलिटी गेप देना था। यह वाइबिलिटी गेप काफी कम होने के चलते रोडवेज को घाटा उठाना पड़ रहा है। गत चार माह में रोडवेज के उदयपुर आगार ने 18 गाडिय़ां जनजाति क्षेत्रों में संचालित की जिसके चलते उदयपुर आगार को 49 लाख रुपए का नुकसान हुआ है।
जनजाति क्षेत्र में सुरक्षित यातायात के लिएरोडवेज बसों के संचालन
- 18 बसें जिले के जनजाति क्षेत्रों में शुरू
की गई
- 4.16 लाख किमी चली चार माह में चली बसें
- 1.49 करोड़ रोडवेज का खर्च आया
- 01 करोड़ के करीब प्राप्त हुए
ऐसे हो रहा नुकसान
बसों को जनजाति क्षेत्रों में चलाने के दौरान प्रति किलोमीटर 35.86 रुपए की लागत आती है। इसकी एवज में रोडवेज को वाइबिलिटी गेप जोडऩे के बाद करीब 24 रुपए ही प्राप्त हो रहे हैं। ऐसे में प्रति किलो मीटर रोडवेज को 10 रुपए का घाटा हो रहा है।
यह रही आवक
गत चार माह में रोडवेज की ओर से जनजाति क्षेत्रों में चलाई गई बसें करीब 4 लाख 16 हजार 370 किमी चली। इनको चलाने में रोडवेज का 1 करोड़ 49 लाख 31 हजार 28 रुपए का खर्च आया। रोडवेज को वाइबिलिटी गेप मिलाकर 99 लाख 92 हजार 880 रुपए प्राप्त हुए। ऐसे में रोडवेज की जेब से करीब 49 लाख रुपए लगे।
जनजाति क्षेत्रों में बसों के संचालन के लिए जनजाति विभाग की ओर से 9.32 रुपए प्रति किलोमीटर वाइबिलिटी गेप दिया जा रहा है। इसके बाद भी रोडवेज को प्रति किलोमीटर 12 रुपए का नुकसान हो रहा है। वाइबिलिटी गेप बढ़ाने के लिए जनजाति आयुक्त से अनुरोध किया गया है।
- महेश उपाध्याय, मुख्य प्रबंधक, उदयपुर आगार
Published on:
19 Jan 2018 07:00 pm
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