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उदयपुर के ये 6 मशहूर मंदिर जहां पूरी होती है हर मनोकामना, एक मंदिर तो ऐसा जो देता है पैसे उधार

Udaipur Famous Temples : उदयपुर झीलों का शहर ही नहीं मंदिरों को भी गढ़ है। इनमें से कई मंदिर तो ऐसे हैं जिनका वास्तुकला देखकर आप दंग रह जाएंगे। इसके साथ ही यह माना जाता है कि इन मंदिरों में जो भी अपनी मनोकामना लेकर आता ​है, उसकी हर इच्छा पूरी हो जाती है। यह जानकर आपको ताज्जुब होगा कि इनमें एक ऐसा मंदिर है जो पैसे भी उधार देता है। जानें इनके नाम।

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Rajasthan Udaipur These 6 Famous Temples where every wish is fulfilled there is one temple which gives money on loan

Udaipur Famous Temples : उदयपुर के ये 6 मशहूर मंदिर जहां पूरी होती है हर मनोकामना, एक मंदिर तो ऐसा जो देता है पैसे उधार

Udaipur Famous Temples : उदयपुर झीलों का शहर ही नहीं मंदिरों को भी गढ़ है। इनमें से कई मंदिर तो ऐसे हैं जिनका वास्तुकला देखकर आप दंग रह जाएंगे। इसके साथ ही यह माना जाता है कि इन मंदिरों में जो भी अपनी मनोकामना लेकर आता ​है, उसकी हर इच्छा पूरी हो जाती है। यह जानकर आपको ताज्जुब होगा कि इनमें एक ऐसा मंदिर है जो पैसे भी उधार देता है। जानें इनके नाम।

श्री मंशापूर्ण करणी माता उदयपुर - माता उसकी मंशा करती है पूर्ण

श्री मंशापूर्ण करणी माता मंदिर का निर्माण महाराणा कर्ण सिंह के शासनकाल 1621-1628 में हुआ था। यह मंदिर करणी माता को समर्पित है। जिन्हें देवी दुर्गा का अवतार माना जाता है। ऐसा प्रचालित है कि मां ने अपने बेटे को चूहे के रुप में पुन: जीवित किया था। साथ यहां पर यह कहानी भी प्रचालित है कि इस परिवार के सदस्य मृत्यु के बाद चूहे का रुप धारण कर लेते हैं। उसके बाद इस मंदिर में ही निवास करते हैं। इन सफेद चूहे का दर्शन शुभ माना जाता है। मंदिर परिसर में एक शिव मंदिर भी है। मंदिर पुजारी का कहना है कि दशहरे के मौके पर मां करणी का ब्रह्म मुहूर्त में सुबह शृंगार किया जाता है। इस दिन जो भी माता के दर्शन करता है माता उसकी मंशा पूर्ण करती है।

महाकालेश्वर मंदिर उदयपुर - अलग-अलग स्वरूप के होते हैं विग्रह के दर्शन

उदयपुर का महाकालेश्वर मंदिर भगवान शिव (महाकाल) को समर्पित है। यह उदयपुर की प्रसिद्ध झील फतहसागर किनारे बना हुआ है। यह पूरा मंदिर सफेद मार्बल्स से बनाया गया है। महाकालेश्वर मंदिर उदयपुर नगर स्थापना से भी काफी पुराना है। यह करीब 900 साल पुराने एकलिंग जी के समकालीन का मंदिर है। माना जाता है कि जहां भी स्वयंभू शिवलि‍ंंग होते हैं वहां पर सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस मंदिर की विशेषता कि पूजा के चारों वक्त शिवलिंग के विग्रह के दर्शन अलग-अलग स्वरूप के होते हैं।

महालक्ष्मी मंदिर उदयपुर - श्राद्ध पक्ष की अष्टमी को होता है प्राकट्योत्सव

उदयपुर के महालक्ष्मी मंदिर की काफी मान्यता है। यह मंदिर भट्टियानी चौहटा में स्थित है। ऐसी मान्यता है कि महालक्ष्मी समुद्र मंथन से प्रकट हुई हैं। यह मंदिर करीब 400 वर्ष पुराना है। तत्कालीन महाराणा जगत सिंह के शासनकाल में इसका निर्माण हुआ था। सफेद पत्थर के हाथी पर बैठी महालक्ष्मी की प्रतिमा भीनमाल से लाया गया था। महालक्ष्मी श्रीमाली समाज की कुलदेवी है। इस मंदिर के निर्माण के बाद बची हुई सामग्री से मंदिर के सामने गणेश मंदिर का निर्माण करवाया गया था। महालक्ष्मी का प्राकट्योत्सव श्राद्ध पक्ष की अष्टमी को होता है।

श्री जगदीश मंदिर उदयपुर - काले पत्थर से निर्मित है भगवान विष्णु की मूर्ति

श्री जगदीश मंदिर उदयपुर इंडो-आर्यन स्थापत्य शैली पर आधारित है। इसकी वास्तुकाल इतनी सुन्दर है कि उससे नजर ही नहीं हटती है। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित किया गया है। महाराणा जगत सिंह ने इस मंदिर का निर्माण कराया था। यह मंदिर 1651 में पूरा हुआ था। यह तीन मंजिला मंदिर है। इस मंदिर का शिखर लगभग 79 फीट लंबा है। इस मंदिर में एक पिरामिड शिखर, मंडप और बरामदा है। इस मंदिर में भगवान विष्णु की चार भुजाओं वाली मूर्ति काले पत्थर से निर्मित है। इसके साथ ही चारों ओर चार छोटे-छोटे मंदिर मौजूद हैं।

एकलिंगजी मंदिर उदयपुर - परिसर में कुल 108 मंदिर

श्री एकलिंगजी महादेव मंदिर उदयपुर जिले के कैलाशपुरी में स्थित है। इस श्री एकलिंगजी प्राचीन मंदिर में स्थित शिवलिंग, चतुर्मुखी शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं। इस मंदिर का निर्माण मेवाड़ शैली में पत्थरों से किया गया है। बताया जाता है कि श्री एकलिंगजी मेवाड़ के शासक और राजपूतों के मुख्य आराध्य देव हैं। मूलत: यहां का मंदिर लाकुलीश संप्रदाय का रहा है। मेवाड़ के संस्थापक बप्पा रावल ने इस मंदिर का निर्माण 8वीं शताब्दी में करवाया और एकलिंग की मूर्ति की प्रतिष्ठापना की थी। यह जानकर आपको आश्चर्य होगा कि इस परिसर में कुल 108 मंदिर हैं।

भगवान बोहरा गणेजी उदयपुर - उधार में देते हैं पैसा

एक ऐसा मंदिर जो जरूरतमंदों को उधार में पैसा देते हैं। चौंके मत। उदयुपर भगवान बोहरा गणेजी मंदिर की मान्यता है कि जो इस मंदिर से उधार लिया गया सिक्का अपनी तिजोरी रखता है उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है। राजस्थान के झीलों के शहर उदयपुर में बोहरा गणेशजी की बड़ी मान्यता है। यह मंदिर मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर के करीब स्थित है। इस मंदिर में भगवान गणेश की खड़ी मूर्ति है। इस मंदिर का निर्माण 350 वर्ष पूर्व हुआ था। वैसे इस मंदिर की मान्यता है कि सच्ची श्रद्धा वाले भक्त की हर मनोकामना पूर्ण होती है।