
मातृ मृत्यु दर पर लगाम लगाने के लिए चलाए गए इस कार्यक्रम के कारण हुआ कुछ ऐसा कि बदल गई दशा
भुवनेश पंड्या/ उदयपुर . देश के सात राज्यों और 100 जिलों में चल रहे दक्षता कार्यक्रम ने जिले के लेबर रूम की कायापलट कर दी है। मातृ मृत्यु दर पर लगाम लगाने के लिए यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
हाल ही चिकित्सा विभाग की ओर से जारी सूची में जिले के सभी 18 स्वास्थ्य केन्द्रों के लेबर रूम को बेहतर स्कोर मिला है। देश में यह कार्यक्रम राजस्थान सहित मध्यप्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, झारखण्ड और तेलंगाना में चलाया जा रहा है। वर्ष 2016 से यह कार्यक्रम उदयपुर में चलाया जा रहा है। 18 उच्च प्रसव भार वाले संस्थानों में यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके अन्तर्गत 230 से अधिक प्रसव करवाने वाले स्वास्थ्यकर्मी को प्रशिक्षित किया गया है। इसमें 140 से ज्यादा बार कार्यक्रम अधिकारी ने निगरानी की। 300 से ज्यादा बार सपोर्टििव सुपरविजन किया गया। दक्षता कार्यक्रम में जिला अधिकारी, जिला प्रजनन व शिशु स्वास्थ्य अधिकारी व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की ओर रिव्यू स्कोर पर पूरी नजर रखी गई।
52.16 प्रतिशत संस्थागत प्रसव
जिले में 16-17 में कुल प्रसव में से 52.16 प्रतिशत संस्थागत प्रसव हुए, जिसमें आरएनटी मेडिकल कॉलेज को शामिल किया गया है। आठ प्रकार की अतिरिक्त सुविधाएं इन प्रसव के दौरान दी गई। दक्षता फेज प्रथम 15 जून 2015 को लागू किया गया। इसमें 13 जिले जिसमें जोधपुर, नागौर, पाली, राजसमन्द, उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, बूंदी, जयपुर, झुंझुनूं, करौली, धौलपुर और भरतपुर को शामिल किया गया, जबकि दूसरे फेज में दक्षता फेज दो में सात जिलों में जैसलमेर, बाड़मेर, चित्तौडगढ़़, प्रतापगढ़, टोंक और सवाईमाधोपुर को शामिल किया गया।
संस्थागत प्रसव का ब्योरा
स्वा. केन्द्र -पूर्व -वर्तमान
भबराना- 52 -120
भिंडर- 64- 123
गोगुन्दा-49 -126
झाड़ोल- 54 -121
खेरवाड़ा -78- 122
कोटड़ा -66- 121
मादड़ी-47- 119
मावली -67- 118
ओगणा -55- 124
स्वा. केन्द्र -पूर्व -वर्तमान
पदराड़ा -70- 119
परसाद- 59 -117
ऋषभदेव- 73 -121
सलूम्बर- 78 -124
सनवाड़- 77 -122
सराड़ा- 69- 123
टीडी- 64- 119
चांदपोल सेटेलाइट- 76- 129
वल्लभनगर -71 -116
किसी भी लेबर रूम का स्कोर उसमें उपलब्ध 24 उपकरण, अन्य व्यवस्थाओं के आधार पर तय होता है। इसमें लेबर रूम के भौतिक स्वरूप को बदलने और नियमित सुविधाओं के लिहाज से उदयपुर जिले में दक्षता कार्यक्रम ने बेहतर परिणाम दिए हैं। हमारा प्रयास लगातार जारी है।
डॉ अशोक आदित्य, आरसीएचओ उदयपुर
Published on:
21 Jun 2018 05:24 pm
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