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‘ज्ञान व तपस्या से स्वयं को निखारा जा सकता हैÓ

इंद्रध्वज महामंडल विधान महोत्सव

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Self can be refined by knowledge and austerity

'ज्ञान व तपस्या से स्वयं को निखारा जा सकता हैÓ

सेमारी. (उदयपुर.) सेमारी नगर में चतुर्थ पट्टाधीश आचार्य सुनील सागर के सानिध्य में चल रहे श्रीइंद्रध्वज महामंडल विधान महोत्सव के पंचम दिवस पर सुबह जिनमंदिर में अभिषेक व पूजा अर्चना की गई। इस अवसर पर मुम्बई प्रवासी व ऋषभ संघ के श्रद्धालुओं ने गुरुदर्शन का लाभ लिया। अष्टमी को लेकर कई साधु ने उपवास किया। इस दौरान आयोजित प्रवचन के दौरान आचार्य ने कहा कि आज मनुष्य को जरूरत है सम्यक दृष्टि, अहंकार विहीन दया प्रेम व धर्म की। गुरुचरण में ज्ञान व तपस्या से स्वयं को निखारा जा सकता है। मेडिटेशन ही जिनके लिये मेडिसिन है। संसारियों की नकल मत करिए, करनी है तो सन्यासियों की करिए। जीवन सुधर जाएगा। रविवार प्रात: को मुनिसंघ नगर भ्रमण कर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देंगे। उक्त जानकारी श्रीलोकेश जैन चन्दावत ने दी।
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भगवान पाश्र्वनाथ का महाअभिषेक
भटेवर. निकटवर्ती अतिशय क्षेत्र अडिन्दा पाश्र्वनाथ क्षेत्र में दिगम्बर जैन मुनि अमित सागर महाराज एवं आर्यिका प्रशांतमति माताजी संसघ की द्वय आर्यिका माताजी के पावन सानिध्य में पद्मसरोवर जिनालय में विराजमान 27 फीट की उतंग पाश्र्वनाथ भगवान प्रतिमा का महाअभिषेक भक्ति भाव के साथ किया। रविवार को प्रात: मूलनायक भगवान पाश्र्वनाथ का महाअभिषेक एवं शांतिधारा दोपहर 1 बजे से भगवान की सहस्त्रनाम आराधना होगी। जिसमें भगवान को 100८ कमल पुष्प, 1008 गुलाब पुष्प, 1008 मोगरा पुष्प एवं 1008 चांदी के पुष्प, 1008 लवंग तथा 1008 हरे फल समर्पित कर सहस्त्र नाम आराधना की जाएगी।


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