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परिवार के झगड़े में सात दिन की नवजात की हत्या, 8 दिन बाद श्मशान से निकाला शव, कराया पोस्टमार्टम

तोलीराम घर के बाहर खड़ा था। आरोपियों ने उसकी पिटाई कर दी। बचाने आई तोलीराम की पत्नी रेखा और बहन कंकू बागरिया से भी मारपीट की। पत्नी रेखा के हाथ में उसकी सात दिन की बेटी थी। आरोपियों ने नवजात के सिर पर हाथ से चोट मारी, इससे नवजात की मौत हो गई। रातभर बच्ची रोती रही और दूध भी नहीं पिया। अगले दिन 6 मई को नवजात ने दम तोड़ दिया।

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crime in bhilwara

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परिवार के झगड़े में सात दिन की नवजात की हत्या, 8 दिन बाद श्मशान से निकाला शव, कराया पोस्टमार्टम

गल्यावड़ी की घटना : बच्ची के पिता ने दर्ज कराई रिपोर्ट
रायपुर. पुलिस ने गल्यावड़ी में पारिवारिक झगड़े में आठ दिन पहले हुए नवजात की संदिग्ध मौत के बाद बुधवार को दफ नाए शव को श्मशान से निकाला और मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया गया। नवजात के पिता ने कुछ रिश्तेदारों पर हत्या का आरोप लगाते मंगलवार रात रायपुर थाने में मामला दर्ज कराया।

थानाप्रभारी नारायणसिंह ने बताया कि गल्यावड़ी निवासी तोलीराम बागरिया ने मामला दर्ज कराया कि 5 मई की रात शौच के लिए खेत पर गया था। रास्ते में हीरा बागरिया ने पत्थर मारे लेकिन वह बच गया। घर पहुंच आरोपी को उलाहना दिया। इस पर हीरालाल कुछ लोगों को लेकर आ गया। तोलीराम घर के बाहर खड़ा था। आरोपियों ने उसकी पिटाई कर दी। बचाने आई तोलीराम की पत्नी रेखा और बहन कंकू बागरिया से भी मारपीट की। पत्नी रेखा के हाथ में उसकी सात दिन की बेटी थी। आरोपियों ने नवजात के सिर पर हाथ से चोट मारी, इससे नवजात की मौत हो गई। रातभर बच्ची रोती रही और दूध भी नहीं पिया। अगले दिन 6 मई को नवजात ने दम तोड़ दिया। समाज की समझाइश पर शव दफ ना दिया। इस बीच आरोपी कार्रवाई करने पर परिवार को धमकाते रहे। पुलिस ने देर रात हत्या का मामला दर्ज किया। पुलिस ने बुधवार को दफ नाए शव को निकालकर पोस्टमार्टम कराया। फिर शव दफ ना दिया गया।

कोरोना के चलते ऑटो चालक बेच रहे सब्जियां
ऋण किश्त को लेकर हो रही परेशानी
साबला .कोरोना ने सैकड़ों लोगों को अपना धंधा बंद करने पर मजबूर कर दिया है। इस क्षेत्र के कुछ युवा पहले ऑटो रिक्शा चलाकर अपना पेट पालते थे। लेकिन लॉक डाउन के चलते उन्हें सब्जियां परिवहन करनी पड़ रही है। कुछ को तो सब्जियां बेचनी भी पड़ रही हैं। दरअसल कुछ युवाओं ने स्वरोजगार के लिए बैंक ऋण या निजी ऋण लेकर सवारी ऑटो रिक्शा खरीद कर अपना काम घंधा शुरू किया था। लेकिन पिछले दो माह से कोराना महामारी के चलते काम घंधे बंद हो गए। चूंकि लॉक डाउन में सवारी रिक्शा में चालक के साथ एक सवारी की यात्रा का प्रावधान है। ऐसे में ओटों रिक्शा चालकों ने अपने परिवार के भरण पोषण के लिए सब्जियाों का परिवहन शुरू कर दिया है। ऑटो चालक बांसवाड़ा,डूंगरपुर सहित ग्रामीण क्षेत्रों से सब्जियां,खरबूजा,तरबूज सहित अन्य माल को खरीदकर गांव गावं पहुंचा कर थोड़ी बहुत कमाई कर पा रहे हैं।